जम्मू-पठानकोट हाइवे के कई कस्बों व गांवों में तलाशी अभियान, सेना को मिली आतंकियों के इस ओर घुसने की सूचना
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: December 30, 2020 18:33 IST2020-12-30T18:32:01+5:302020-12-30T18:33:54+5:30
आतंकियों को घुसपैठ कराने में मदद करने वाले पाक रेंजर्स जगह-जगह भारतीय ठिकानों में गोलीबारी करके सुरक्षा बलों का ध्यान हटाने का प्रयास करते हैं, लेकिन दुश्मन के ऐसे नापाक इरादों को नाकाम बनाने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों ने भी चौकसी बढ़ा दी है।

सीमा पार से लगातार स्थानीय आतंकियों और मददगारों को इस बारे में निर्देश दिए जा रहे हैं।
जम्मू: जम्मू सीमा पर इंटरनेशनल बार्डर से घुसपैठ कर आतंकियों के एक जत्थे के इस ओर घुस आने की खबरों के बीच सेना और पुलिस जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे के कई कस्बों और गांवों में तलाशी अभियान चला रही है। फिलहाल आतंकी हाथ नहीं आए थे। दरअसल जम्मू में भी माहौल बिगाड़ने की साजिश पाकिस्तान द्वारा रची जा रही है। इसके लिए उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मदद लेने का षड्यंत्र बुना है।
लश्कर अपने स्थानीय नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है। सीमा पार से लगातार स्थानीय आतंकियों और मददगारों को इस बारे में निर्देश दिए जा रहे हैं। वहीं सतर्क भारतीय एजेसियां पड़ोसी की हर चाल नाकाम करने में जुटी हैं। एक सप्ताह में जम्मू संभाग में लश्कर के छह मददगार गिरफ्तार किए जा चुके हैं। वैष्णोदेवी तीर्थक्षेत्र व अन्य पर्यटक स्थलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
अधिकारी कहते हैं कि कठुआ जिले के साथ लगती संवेदनशील भारत-पाक सीमा के उस पार बैठे आतंकी इन दिनों भारी ठंड एवं कोहरे का लाभ उठाने की फिराक में हैं। हालांकि जब-जब सीमा पर कोहरे का असर रहता है, आतंकी घुसपैठ की कोशिश में रहते हैं। ठीक ऐसा ही इस बार भी देखा जा रहा है। जब से कोहरा शुरू हुआ, ऐसी हरकतें सांबा व हीरानगर सेक्टर में बढ़ने की आशंका है। इसी के चलते सीमा प्रहरियों के साथ पुलिस भी अलर्ट हो गई है।
सांबा क्षेत्र में इसी सिलसिले में दिन भर चला सर्च अभियान भी इसका उदाहरण है। अब जब तक सीमा क्षेत्र कोहरे की आड़ में रहेगा, सीमा पार बैठे आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश जारी रहेगी। उधर, आतंकियों को घुसपैठ कराने में मदद करने वाले पाक रेंजर्स जगह-जगह भारतीय ठिकानों में गोलीबारी करके सुरक्षा बलों का ध्यान हटाने का प्रयास करते हैं, लेकिन दुश्मन के ऐसे नापाक इरादों को नाकाम बनाने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों ने भी चौकसी बढ़ा दी है।
तीन दिन में दो बार सैटेलाइट फोन पर बातचीत इंटरसेप्ट होने से दोनों जगह आईएसआई के स्लीपर सेल के सक्रिय होने की आशंका है। सूत्रों ने बताया कि चलियाड़ी में बातचीत इंटरसेप्ट होने के बाद से इलाके का चप्पा चप्पा खंगाला गया लेकिन सफलता नहीं मिली है। अब देविका नदी किनारे नड इलाके में सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल होना घुसपैठ की साजिश की ओर इशारा कर रहा है। सुरक्षा एजेंसियों ने अब इस इलाके को विशेष निगरानी पर ले लिया है।