उत्तराखंड में एक नवम्बर से स्कूल फिर से खुलेंगे, कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर अभिभावक चिंतित

By भाषा | Published: October 17, 2020 09:17 PM2020-10-17T21:17:35+5:302020-10-17T21:17:35+5:30

नेहरू कॉलोनी की रहने वाली आशा रावत ने कहा, ‘‘बच्चों ने ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने में सत्र का आधा समय बिता दिया है। शेष सत्र के लिए भी उन्हें इस तरह से अपनी पढ़ाई जारी रखने देने में कोई हर्ज नहीं है।’’

Schools will reopen in Uttarakhand from November 1, parents worried about rising cases of Kovid-19 | उत्तराखंड में एक नवम्बर से स्कूल फिर से खुलेंगे, कोविड-19 के बढ़ते मामलों को लेकर अभिभावक चिंतित

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlights उत्तराखंड में सात महीनों से अधिक के अंतराल के बाद दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए स्कूल एक नवम्बर को फिर से खुलने के लिए तैयार हैं।ज्यादातर अभिभावक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि राज्य में अभी भी कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं।

देहरादून: उत्तराखंड में सात महीनों से अधिक के अंतराल के बाद दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए स्कूल एक नवम्बर को फिर से खुलने के लिए तैयार हैं। हालांकि ज्यादातर अभिभावक असुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि राज्य में अभी भी कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। स्कूल प्रबंधनों का कहना है कि वे कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करते हुए कक्षाओं को फिर से शुरू करने के लिए वह तैयार हैं। इस प्रोटोकॉल में सामाजिक दूरी के लिए कक्षाओं में प्रतिदिन 50 प्रतिशत उपस्थिति को सीमित करना शामिल हैं।

हालांकि, एहतियाती कदम उठाये जाने के बावजूद कोई छात्र संक्रमित हो जाता है, तो वे इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं हैं। दून इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन डी एस मान ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किया जाये, हालांकि मैं यह कहना चाहूंगा कि यदि कोई छात्र इस वायरस से संक्रमित हो जाता है तो स्कूलों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।’’

नेहरू कॉलोनी की रहने वाली आशा रावत ने कहा, ‘‘बच्चों ने ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने में सत्र का आधा समय बिता दिया है। शेष सत्र के लिए भी उन्हें इस तरह से अपनी पढ़ाई जारी रखने देने में कोई हर्ज नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बेटी बारहवीं कक्षा में पढ़ती है और साइकिल पर स्कूल जाती थी। यह बेहतर है कि वह घर से बाहर निकलने और (कोविड-19 से संक्रमित होने का) जोखिम उठाने के बजाय घर पर रहकर ही पढ़ाई करती रहे।’’

कुछ अभिभावकों का मानना है कि बच्चों को जरूरी होने पर केवल प्रायोगिक कक्षाओं के लिए ही बुलाया जाना चाहिए और कोरोना वायरस का टीका आने तक नियमित कक्षाओं के लिए नहीं बुलाया जाना चाहिए।

उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा के लिए स्कूल अधिकारियों द्वारा सभी एहतियाती कदम उठाये जायेंगे जिनमें स्कूल बसों को कीटाणु मुक्त करना, केवल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाना, परिसरों का नियमित रूप से सैनिटाइजेशन, कक्षाओं में कुल क्षमता की केवल 50 प्रतिशत उपस्थिति आदि शामिल हैं।

यह पूछे जाने पर कि सावधानियों के बावजूद भी यदि कोई संक्रमित हो जाता है, कौशिक ने कहा, ‘‘किसी को भी इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।’’ हाल में इस वायरस से संक्रमित हुए मंत्री ने कहा, ‘‘मैं कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था। क्या मैंने किसी को दोषी ठहराया है?’’ 

Web Title: Schools will reopen in Uttarakhand from November 1, parents worried about rising cases of Kovid-19

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