Maratha Reservation: मराठा आरक्षण पर रोजाना सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट, जानें पूरा मामला
By निखिल वर्मा | Published: July 7, 2020 02:44 PM2020-07-07T14:44:07+5:302020-07-07T14:44:07+5:30
सुप्रीम कोर्ट नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के सरकार के फैसले पर याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है।
मराठा आरक्षण मामले की सुनवाई करते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इसकी रोजाना आधार पर सुनवाई करेगा। कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में वो अगले महीने सुनवाई की तारीख तय करेगा। सुप्रीम कोर्ट स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले में आरक्षण के खिलाफ एक याचिका व नौकरियों एवं शिक्षा में आरक्षण को चुनौती देते हुए दायर की गई एक अन्य याचिका पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने पक्षकारों को कहा कि वो इस संबंध में अपनी लिखित दलीलें व बहस की समय सीमा दाखिल करें।
पिछली सुनवाई में महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। मराठा पर आरक्षण पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया था।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में बंबई हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए अर्जी दायर की गई थी। बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की संवैधानिक वैधता पर मुहर लगायी थी।
आरक्षण के खिलाफ दायर याचिका में दलील दी गई है कि सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम शीर्ष अदालत द्वारा इंदिरा साहनी मामले में अपने ऐतिहासिक फैसले में तय की गयी 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करता है। इस अधिनियम में मराठा समुदाय के लोगों के लिए शिक्षा और नौकरियों में क्रमश: 12 और 13 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को शिक्षा एवं नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण से संबंधित कदम पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए पूरी तरह तैयार होकर जाना चाहिए। फड़नवीस ने कहा, ‘‘सरकारी अधिकारियों एवं मंत्रियों को इस सुनवाई के दौरान वकीलों को पूरी तरह ब्रीफ करने के लिए तैयार रहना चाहिए। भाजपा पूरा समर्थन करेगी।’’