एससी-एसटी एक्ट मामला: कानून मंत्रालय से मंजूरी, सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी केंद्र सरकार
By कोमल बड़ोदेकर | Published: March 29, 2018 04:31 PM2018-03-29T16:31:28+5:302018-03-29T16:31:28+5:30
कानून मंत्रालय का कहना है कि यह फैसला विपक्षी दलों की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद लिया गया है।
नई दिल्ली, 29 मार्च। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट पर दिए गए फैसले पर केंद्र सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। केंद्रीय कानून मंत्रालय ने पुनर्विचार याचिका दायर करने की मंजूरी दे दी है। इस मामले में मंत्रालय का कहना है कि यह फैसला विपक्षी दलों की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात के बाद लिया है। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों के नेताओं बुधवार को राष्ट्रपति कोविंद से मुलाकात कर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि, 'दलितों और आदिवासियों के खिलाफ देश भर में अत्याचार के मामले बढ़े हैं जबकि एससी/एसटी एक्ट कमजोर हुआ है। राष्ट्रपति ने हमारी बातों को ध्यान से सुना। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे।' उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ इन समुदायों की सुरक्षा के बड़े बड़े दावे करती है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि एनडीए सरकार ने अपने पक्ष को सही ढंग से पेश नहीं किया।
वहीं केंद्रीय खाद्य आपूर्ति उपभोक्ता मामलों के मंत्री और एनडीए के घटल दल लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख राम विलास पासवान और केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने की अपील की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कानून मंत्रालय से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा भेजी गई अर्जी को मंजूरी दे दी है।
बता दें कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एससी-एसटी एक्ट के गलत इस्तेमाल हो रहा है और ऐसे मामलों में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक अब एसपी-डीएसपी स्तर के अधिकारी, कर्मचारी को नियुक्त करने वाले अधिकारी अगर लिखित में केस दर्ज का आवेदन देगें जिसके बाद गिरफ्तारी होगी और इससे अग्रिम आरोपी को तुरंत जमानत भी मिल सकेगी।