सीटीईटी में ईडब्ल्यूएस श्रेणी में 10 फीसदी आरक्षण,  उच्चतम न्यायालय ने केंद्र-सीबीएसई से जवाब मांगा

By भाषा | Published: May 16, 2019 02:10 PM2019-05-16T14:10:02+5:302019-05-16T14:10:02+5:30

पीठ ने कहा कि किसी भी वर्ग के लिए आरक्षण का मुद्दा प्रवेश के दौरान ही आएगा। पीठ ने कहा, प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए किसी प्रकार का आरक्षण नहीं हो सकता। यह पूरी तरह से गलत धारणा है। यह (सीटीईटी) सिर्फ पात्रता प्राप्त करने की परीक्षा है।

SC seeks response from Centre, CBSE on 10% quota for economically weaker sections in teacher test. | सीटीईटी में ईडब्ल्यूएस श्रेणी में 10 फीसदी आरक्षण,  उच्चतम न्यायालय ने केंद्र-सीबीएसई से जवाब मांगा

पीठ ने कहा, प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए किसी प्रकार का आरक्षण नहीं हो सकता। यह पूरी तरह से गलत धारणा है। यह (सीटीईटी) सिर्फ पात्रता प्राप्त करने की परीक्षा है।

Highlightsयाचिकाकर्ता के वकील ने जब सात जुलाई को होने वाली सीटीईटी परीक्षा की अधिसूचना का जिक्र किया तो पीठ ने कहा, परीक्षा की अधिसूचना अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्यों को भी किसी प्रकार का आरक्षण प्रदान नहीं करती।याचिकाकर्ताओं का दावा था कि वे समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के हैं और सीटीईटी-2019 की परीक्षा में बैठ रहे हैं।

केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी), 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसद आरक्षण की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को केंद्र और सीबीएसई से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अवकाश पीठ ने याचिका पर केंद्र और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को नोटिस जारी करते हुए उनसे मामले में सुनवाई की अगली तारीख एक जुलाई तक जवाब दायर करने को कहा है।

न्यायालय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कुछ याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो सीटीईटी-2019 में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत को बताया कि सीबीएसई ने सीटीईटी कराने के लिये 23 जनवरी 2019 को विज्ञापन जारी किया था, जिसमें समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को 10 फीसद आरक्षण देने का जिक्र नहीं किया गया है। 

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया कि प्रवेश की पात्रता के लिए आयोजित परीक्षा में किसी प्रकार का आरक्षण नहीं हो सकता। जस्टिस इन्दिरा बनर्जी और संजीव खन्ना की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी), 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत के आरक्षण के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह स्पष्टीकरण दिया। 

पीठ ने कहा कि किसी भी वर्ग के लिए आरक्षण का मुद्दा प्रवेश के दौरान ही आएगा। पीठ ने कहा, प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए किसी प्रकार का आरक्षण नहीं हो सकता। यह पूरी तरह से गलत धारणा है। यह (सीटीईटी) सिर्फ पात्रता प्राप्त करने की परीक्षा है।

आरक्षण का सवाल तो प्रवेश के समय उठेगा। याचिकाकर्ता के वकील ने जब सात जुलाई को होने वाली सीटीईटी परीक्षा की अधिसूचना का जिक्र किया तो पीठ ने कहा, परीक्षा की अधिसूचना अनुसूचित जाति और जनजाति के सदस्यों को भी किसी प्रकार का आरक्षण प्रदान नहीं करती। लेकिन पीठ बाद में याचिकाकर्ता के आग्रह पर इस मामले पर 16 मई को विचार के लिए तैयार हो गई।

याचिकाकर्ताओं का दावा था कि वे समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के हैं और सीटीईटी-2019 की परीक्षा में बैठ रहे हैं। सीबीएसई ने 23 जनवरी, 2019 को इस परीक्षा के आयोजन के बारे में एक विज्ञापन प्रकाशित किया था, जिसमे समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को यह लाभ नहीं दिया गया था। इसीलिए याचिकाकर्ताओं ने इस लाभ के लिए याचिका दायर की थी। 

Web Title: SC seeks response from Centre, CBSE on 10% quota for economically weaker sections in teacher test.

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे