लाइव न्यूज़ :

सुप्रीम कोर्ट ने रामजन्मभूमि से जुड़े दो जनहित याचिकाओं को किया खारिज, PIL दाखिल करने वालों पर जुर्माना लगाया

By भाषा | Updated: July 20, 2020 14:55 IST

सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्येक याचिकाकर्ता पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया जाता है जिसका भुगतान एक महीने के भीतर किया जाना चाहिए।

Open in App
ठळक मुद्देयाचिकायें सतीश चिंदूजी शंभार्कर और डॉ आम्बेडकर फाउण्डेशन ने दायर की थीं।पीठ ने याचिकाकर्ताओं से जानना चाहा कि उन्होंने संविधान के अनुच्छेद32 के अंतर्गत शीर्ष अदालत में याचिका क्यों दायर की।

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर खुदाई के दौरान मिली कलाकृतियों को संरक्षित करने के लिये दायर दो जनहित याचिकायें सोमवार को खारिज कर दीं। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने इन याचिकाओं को गंभीरता से विचार करने योग्य नहीं पाया। पीठ ने याचिकाकर्ताओं पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाते हुये उन्हें एक महीने के भीतर यह राशि जमा करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि पांच सदस्यीय पीठ इस मामले में अपना फैसला सुना चुकी है और यह इन जनहित याचिकाओं के माध्यम से इस निर्णय से आगे निकलने का प्रयास है।

याचिकाकर्ताओं की ओर पेश वकील ने कहा कि राम जन्मभूमि न्यास ने भी स्वीकार किया है कि इस क्षेत्र में ऐसी अनेक कलाकृतियां हैं जिन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है। पीठ ने याचिकाकर्ताओं से जानना चाहा कि उन्होंने संविधान के अनुच्छेद32 के अंतर्गत शीर्ष अदालत में याचिका क्यों दायर की। पीठ ने कहा, ‘‘आपको इस तरह की तुच्छ याचिका दायर करना बंद करना चाहिए। इस तरह की याचिका से आपका तात्पर्य क्या है? क्या आप यह कहना चाहते हैं कि कानून का शासन नहीं है और इस न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ के फैसले का कोई पालन नहीं करेगा।’’

केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि न्यायालय को याचिकाकर्ता पर अर्थदंड लगाने के बारे में विचार करना चाहिए। पीठ ने कहा कि प्रत्येक याचिकाकर्ता पर एक-एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया जाता है जिसका भुगतान एक महीने के भीतर किया जाना चाहिए। ये याचिकायें सतीश चिंदूजी शंभार्कर और डॉ आम्बेडकर फाउण्डेशन ने दायर की थीं। इनमें इलाहाबाद उच्च न्यायालाय में सुनवाई के दौरान अदालत की निगरानी में हुयी खुदाई के समय मिली कलाकृतियों को संरक्षित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

इन याचिकाओं में नये राम मंदिर के लिये नींव की खुदाई के दौरान मिलने वाली कलाकृतियों को भी संरक्षित करने तथा यह काम पुरातत्व सर्वेक्षण की निगरानी में कराने का अनुरोध किया गया था। शीर्ष अदालत ने पिछले साल नौ नवंबर को अपने ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में राम जन्म भूमि स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिये एक न्यास गठित करने का निर्णय दिया था। न्यायालय ने इसके साथ ही मस्जिद के लिये पांच एकड़ भूमि आबंटित करने का निर्देश भी सरकार को दिया था। 

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टराम जन्मभूमिराम मंदिर
Open in App

संबंधित खबरें

भारतराम मंदिर आंदोलन के सूत्रधार और पूर्व सांसद रामविलास वेदांती का निधन, सीएम योगी ने शोक व्यक्त किया

भारतशहरी महानगरों में लोगों की अपनी जीवनशैली, गरीबों का क्या होगा?, सीजेआई सूर्यकांत बोले- वायु प्रदूषण पर गरीब मजदूर सबसे ज्यादा पीड़ित

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

भारत अधिक खबरें

भारतदिल्ली में 17 दिसंबर को ‘लोकमत पार्लियामेंटरी अवॉर्ड’ का भव्य समारोह

भारतछत्तीसगढ़ को शांति, विश्वास और उज्ज्वल भविष्य का प्रदेश बनाना राज्य सरकार का अटल संकल्प: 34 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण पर बोले सीएम साय

भारतकौन हैं ऋतुराज सिन्हा?, नितिन नबीन की जगह दी जाएगी बड़ी जिम्मेदारी

भारतहैदराबाद का रहने वाला था बोंडी बीच शूटर साजिद अकरम, उसका बेटा ऑस्ट्रेलियाई नागरिक, तेलंगाना पुलिस ने की पुष्टि

भारतभाजपा को मां के समान मानते?, बिहार प्रमुख संजय सरावगी बोले-आगे बढ़ाने की दिशा में ईमानदारी से काम करेंगे