सुप्रीम कोर्ट का चुनाव आयोग को निर्देश, एक की जगह 5 बूथों पर EVM-VVPAT का हो होगा मिलान
By पल्लवी कुमारी | Published: April 8, 2019 02:28 PM2019-04-08T14:28:29+5:302019-04-08T14:28:29+5:30
लगातार विपक्षी दलों की ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान 50 फीसदी तक बढ़ाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। इसपर चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कहा था 'अगर ऐसा होता है तो लोकसभा चुनाव के नतीजे पांच दिन की देरी से आएंगे।''
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि हर विधानसभा में एक की जगह पांच बूथों पर EVM-VVPAT होना चाहिए। EVM-VVPAT के औचक मिलान होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 21 विपक्षी पार्टियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस याचिका को लंबित नही रख सकते क्योंकि 11 अप्रैल से मतदान शुरू हो रहा है। बता दें कि 23 मई को चुनावों की गिनती की जाएगी।
लोकसभा चुनाव में EVM से VVPAT के 50 फीसदी मिलान को लेकर 21 विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि इसके लिए संसाधनों की समस्या क्यों होनी चाहिए? यह मामला चुनाव प्रणाली में विश्वास को और भी बढ़ावा देगा।
Supreme Court bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi says 'increasing the VVPAT verification from one EVM per constituency to five is to ensure the greatest degree of accuracy, satisfaction in election process and not only political parties but the poor should be satisfied.' https://t.co/QFKdcs8cj1
— ANI (@ANI) April 8, 2019
चुनाव आयोग ने क्या दिया था सुप्रीम कोर्ट को जवाब
लगातार विपक्षी दलों की ईवीएम और वीवीपैट पर्चियों का मिलान 50 फीसदी तक बढ़ाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा था। इसपर चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कहा था 'अगर ऐसा होता है तो लोकसभा चुनाव के नतीजे पांच दिन की देरी से आएंगे।''
आयोग ने कहा कि वीवीपैट की पर्चियों की गणना का वर्तमान तरीका सबसे अधिक उपयुक्त है। आयोग ने प्रति विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र से औचक तरीके से वीवीपैट की पर्चियों की गणना की।
बदलाव के लिए ठोस आधार बताने में विपक्ष असमर्थ
चुनाव आयोग ने 21 विपक्षी नेताओं की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुये कहा कि वे वीवीपैट की पर्चियों की अचानक गणना संबंधी मौजूदा व्यवस्था में बदलाव के लिये एक भी ठोस आधार बताने में असमर्थ रहे हैं।
विपक्षी नेता चाहते हैं कि अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग मशीनों की कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गणना की जाये।
आयोग ने कहा कि सत्यापन के आकार में किसी भी तरह की वृद्धि से विश्वास स्तर पर बहुत ही मामूली फर्क पड़ेगा। विश्वास का वर्तमान स्तर 99.9936 प्रतिशत से अधिक है।