Same-Sex Marriage: एससी बार एसोसिएशन ने समलैंगिक विवाह मामले पर टिप्पणी के लिए बीसीआई की आलोचना की

By रुस्तम राणा | Published: April 28, 2023 06:02 PM2023-04-28T18:02:23+5:302023-04-28T18:02:23+5:30

बीसीआई ने 23 अप्रैल को भारत में समान लिंग विवाह के लिए कानूनी मान्यता का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया था, यह किसी भी कानून अदालत द्वारा विवाह की अवधारणा के रूप में मौलिक रूप से कुछ ओवरहाल करने के लिए विनाशकारी होगा।

SC bar association criticises BCI for comments on same sex marriage case | Same-Sex Marriage: एससी बार एसोसिएशन ने समलैंगिक विवाह मामले पर टिप्पणी के लिए बीसीआई की आलोचना की

Same-Sex Marriage: एससी बार एसोसिएशन ने समलैंगिक विवाह मामले पर टिप्पणी के लिए बीसीआई की आलोचना की

HighlightsSC बार एसोसिएशन ने कहा, जब मामले की सुनवाई अभी भी चल रही है तो इस बीच बीसीआई की बेहद अनुचित टिप्पणी थी।BCI ने कहा था- विवाह की अवधारणा के रूप में मौलिक रूप से कुछ बदलाव करना विनाशकारी होगा साथ ही SC की संविधान पीठ के समक्ष समलैंगिक विवाह की चल रही कार्यवाही को बताया था "बार के लिए बड़ी और गंभीर चिंता" का विषय

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्टबार एसोसिएशन (एससीबीए) ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर समलैंगिक विवाह मामले के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की सार्वजनिक टिप्पणी की आलोचना करते हुए शीर्ष अदालत में सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन ने कहा, जब मामले की सुनवाई अभी भी चल रही है तो इस बीच बीसीआई की बेहद अनुचित टिप्पणी थी।

बीसीआई ने 23 अप्रैल को भारत में समान लिंग विवाह के लिए कानूनी मान्यता का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें कहा गया था, "यह किसी भी कानून अदालत द्वारा विवाह की अवधारणा के रूप में मौलिक रूप से कुछ बदलाव करना विनाशकारी होगा, हालांकि यह नेकनीयत हो सकता है"। एससीबीए के प्रस्ताव में कहा गया है कि यह अदालत को तय करना है कि वह इस मामले पर फैसला करे या इसे संसद पर छोड़ दे। शीर्ष अदालत की बार एसोसिएशन ने कहा कि इसके प्रस्ताव को याचिकाकर्ताओं के समर्थन या विरोध के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

बीसीआई के प्रस्ताव में कहा गया है: "देश के 99.9 प्रतिशत से अधिक लोग हमारे देश में 'समान-लिंग विवाह के विचार' का विरोध करते हैं। विशाल बहुमत का मानना है कि इस मुद्दे पर याचिकाकर्ताओं के पक्ष में सर्वोच्च न्यायालय का कोई भी फैसला हमारे देश की संस्कृति और सामाजिक-धार्मिक ढांचे के खिलाफ माना जाएगा। बार आम आदमी का मुखपत्र है और इसलिए यह बैठक इस अति संवेदनशील मुद्दे पर उनकी चिंता व्यक्त कर रही है।"

दिल्ली में बीसीआई के साथ सभी राज्य बार काउंसिलों की एक संयुक्त बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें कहा गया कि संयुक्त बैठक की स्पष्ट राय है कि यदि माननीय सर्वोच्च न्यायालय इस मामले में कोई लापरवाही दिखाता है, तो इसका परिणाम आने वाले दिनों में हमारे देश की सामाजिक संरचना को अस्थिर करने वाला होगा। माननीय सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध और अपेक्षा की जाती है देश के जनादेश की भावनाओं और जनादेश की सराहना और सम्मान करने के लिए। बीसीआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष समलैंगिक विवाह की चल रही कार्यवाही "बार के लिए बड़ी और गंभीर चिंता" का विषय है।

Web Title: SC bar association criticises BCI for comments on same sex marriage case

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