सुप्रीम कोर्ट का आदेश, तमिलनाडु सरकार राजीव गांधी के हत्यारे की दया याचिका पर करे विचार
By भारती द्विवेदी | Published: September 6, 2018 04:59 PM2018-09-06T16:59:55+5:302018-09-06T16:59:55+5:30
राजीव गांधी हत्या मामले में सात दोषी मुरूगन, पेरारिवलन, संतन, जयकुमार, राबर्ट पायस, रविचंद्रन और नलिनी पिछले 20 साल से अधिक समय से जेल में कैद हैं।
नई दिल्ली, 6 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तमिलनाडु सरकार से राजीव गांधी की हत्या के दोषी एजी पेरारिवलन की दया याचिका पर पुर्नविचार करने को कहा है। 10 अगस्त को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के ये बताया था कि वो तमिलनाडु सरकार की तरफ से अभियुक्तों के रिहा करने वाली दायर याचिका के खिलाफ है।
जस्टिस राजन गोगई, नवीन सिन्हा और केएम जोसेफ की पीठ ने केंद्र सरकार की तरफ से इस याचिका को खारिज कर दिया। केंद्र ने उनको छोड़ने को 'खतरनाक मिसाल' बताया था जिसका 'अंतराष्ट्रीय असर' होगा
Rajiv Gandhi assassination case: Supreme Court today asked the Tamil Nadu govt to seek redressal and direction from the State Governor for its demand to release the convicts in the case.
— ANI (@ANI) September 6, 2018
इसी साल जून में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तमिलनाडु सरकार के उस दया याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें सातों दोषियों को छोड़ने की बात कही गई थी। गौरतलब है कि 20 अगस्त को 47 साल के पेरारिवलन ने अदालत को लिखा था कि दिसंबर 2015 में दायर तमिलनाडु के गवर्नर को उनकी दया याचिका पर कोई फैसला नहीं लिया गया था। बता दें कि साल 2016 में तमिलनाडु सरकार ने दोषियों को छोड़ने का फैसला किया था।
पेरारिवलन कहना है कि उसने अकेले जेल में/एकल बंधन में 24 साल से अधिक बिताए हैं। जेल के नियमों के अनुसार, आजीवन कारावास अधिकतम 20 सालों के लिए है और उसके बाद कैदी को रिहाई के लिए माना जाता है। मैं आजीवन कारावास की सीमा से ज्यादा समय जेल में बिता चुका हूं।
21 मई 1991 को उस वक्त देश के प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी की हत्या हुई थी। लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम के लीडर प्रभाकरण ने राजीव गांधी के मर्डर की प्लानिंग की थी। राजीव गांधी हत्या मामले में सात दोषी मुरूगन, पेरारिवलन, संतन, जयकुमार, राबर्ट पायस, रविचंद्रन और नलिनी पिछले 20 साल से अधिक समय से जेल में कैद हैं।