संघ विचारक विनायक दामोदर सावरकर को ''पुर्तगाल का पुत्र'' बताने पर विवाद, भाजपा-कांग्रेस में ट्वीट वार
By भाषा | Published: May 27, 2019 05:55 PM2019-05-27T17:55:44+5:302019-05-27T17:55:44+5:30
पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बयान से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिसमें उन्होंने सावरकर को साहस एवं देशभक्ति का प्रतीक,एक देशभक्त क्रांतिकारी एवं असंख्य लोगों का प्रेरणा पुरुष बताया था। देवनानी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बारे में कई ट्वीट किये है।
राजस्थान में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर एक नया विवाद पैदा हो गया है।
राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री ने एक बार फिर कांग्रेस सरकार को 10वीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में संघ विचारक विनायक दामोदर सावरकर को ''पुर्तगाल का पुत्र'' बताने पर घेरा है । हालांकि कांग्रेस सरकार ने बदलाव को शिक्षाविदों की अनुशंसा बताया है।
पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बयान से प्रेरणा लेनी चाहिए, जिसमें उन्होंने सावरकर को साहस एवं देशभक्ति का प्रतीक,एक देशभक्त क्रांतिकारी एवं असंख्य लोगों का प्रेरणा पुरुष बताया था। देवनानी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बारे में कई ट्वीट किये है।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार के द्वारा स्वातंत्र्य वीर सावरकर जी को “पुर्तगाल का पुत्र“ कहा जाना एक स्वातंत्र्य वीर का अपमान है ।राज्य की कांग्रेस सरकार का एक ही अजेंडा है भारतीय संस्कृति एव प्रदेश के वीर एव वीरांगनाओं का अपमान एव एक परिवार विशेष का बखान @BJP4India@BJP4Rajasthanpic.twitter.com/5fRy40TYny
— Vasudev Devnani (@VasudevDevnani) May 26, 2019
देवनानी ने ट्वीट में कहा कि ''वीर सावरकर के वीर होने पर प्रश्न चिन्ह लगाने वाली कांग्रेस सरकार को अपनी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का इतिहास पढ़ना चाहिए। इंदिरा सरकार ने 1970 में उन पर डाक टिकट जारी कर स्वतन्त्रता आंदोलन में उनके योगदान एवं देशभक्ति की प्रशंसा की थी।
वीर सावरकर के वीर होने पर प्रश्न चिन्ह लगाने वाली कांग्रेस सरकार को अपनी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का इतिहास पढ़ना चाहिए ! इंदिरा सरकार ने 1970 में उन पर डाक टिकट जारी कर स्वतन्त्रता आंदोलन में योगदान एव देशभक्ति की प्रशंसा की थी । @BJP4India@BJP4Rajasthan@Ramlalpic.twitter.com/qHjehhdHBU
— Vasudev Devnani (@VasudevDevnani) May 27, 2019
स्वतंत्रय वीर सावरकर के मुंबई स्थित स्मारक के लिए इंदिरा गांधी ने अपने व्यक्तिगत खाते से उस वक़्त 11 हजार रुपए का सहयोग दिया था। इंदिरा ने सार्वजनिक तौर पर वीर सावरकर के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को सराहा और फिल्म्स डिवीज़न ने सावरकर पर फिल्म भी बनाई। @BJP4India@BJP4Rajasthanpic.twitter.com/0qDWebl9Hk
— Vasudev Devnani (@VasudevDevnani) May 27, 2019
वीर सावरकर के मुंबई स्थित स्मारक के लिए इंदिरा गांधी ने अपने व्यक्तिगत खाते से उस वक़्त 11 हजार रुपए का सहयोग दिया था। इंदिरा ने सार्वजनिक तौर पर वीर सावरकर के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान को सराहा और फिल्म्स डिवीज़न ने सावरकर पर फिल्म भी बनाई थी। उन्होंने कहा कि महान क्रांतिकारी को ‘पुर्तगाल का पुत्र’ कहना देशभक्त का अपमान है।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार को न्यू यॉर्क टाइम्ज़ के अनुसार स्वतंत्रय वीर सावरकर जी के बलिदान के पश्चात् इंदिरा गांधी जी द्वारा दिये गये बयान से प्रेरणा लेनी चाहिये जिसमें उन्हें “साहस एव देशभक्ति का प्रतीक“,एक देशभक्त क्रांतिकारी एव असंख्य लोगों का प्रेरणा पुरुष बताया था”@BJP4Indiapic.twitter.com/1rq6xs9lgz
— Vasudev Devnani (@VasudevDevnani) May 27, 2019
राज्य सरकार के पास केवल वीर वीरांगनाओं का अपमान करने और केवल एक परिवार की प्रशंसा करने का एक एजेंडा है। कांग्रेस सरकार ने राज्य में सत्ता में आने के बाद पाठ्यपुस्तकों के पुनरीक्षण के लिये समिति का गठन किया है। समिति ने हाल ही में सावरकर की लघु आत्मकथा का पुनरीक्षण कर उनके नाम के आगे से 'वीर' शब्द हटा कर विनायक दामोदर सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या का षडयंत्र करने और उनकी हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का समर्थक बताया है।
राजस्थान के स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने कहा कि पाठ्यपुस्तकों में बदलाव शिक्षाविदों की विशेषज्ञों की समिति की अनुशंसा के आधार पर किया जा रहा है। डोटासरा ने बताया कि ''इस बारे में मैं क्या कह सकता हूं, यही कह सकता हूं कि शिक्षा में बदलाव के लिये शिक्षाविदों की विशेषज्ञों की समिति ने प्रमाणिकता के आधार पर जो अनुशंसा की है उसी के आधार पर बदलाव किया जा रहा है।''
स्कूली पाठ्यक्रम के लिए किये जा रहे बदलाव को लेकर न केवल विपक्षी पार्टी ने सरकार को घेरा है बल्कि कांग्रेस के एक कैबिनेट मंत्री ने भी अपनी पार्टी के मंत्री को ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने के लिये चेतावनी उस समय दी जब कक्षा आठ की अंग्रेजी की पुस्तक में सती या जौहर के एक चित्र को हटा दिया गया था।