श्रीनगर: उत्तर से दक्षिण की ओर अर्थात कश्मीर से जम्मू की ओर तेजी से बढ़ते आतंकवाद के बीच प्रदेश में दो नए जंग के मैदान प्रशासन को परेशान किए हुए हैं।
इनमें से एक स्मार्ट मीटर के विरूद्ध छेड़ी गई जंग में प्रदेश का प्रत्येक कस्बा अपनी आहूति डाल रहा हे तो जम्मू के सांबा जिले में सरोर टोल प्लाजा भाजपा की जम्मू संभाग में चूलें खिसकाने का काम कर रहा है।
कश्मीर में एलओसी के आखिरी गांव से लेकर पंजाब से सटे लखनपुर तक की जनता प्रतिदिन सड़कों पर उतरी रही है। करीब चार माह से जारी यह आंदोलन उन प्री पेड ओर स्मार्ट मीटरों के खिलाफ है जिनके प्रति लोगों का आरोप हे कि इन्होंने उनके घरों का बजट हिला कर रख दिया है।
हालांकि बिजली विभाग अब बचाव में उतरा है और स्मार्ट मीटर की शिकायतों के लिए नोडल आफिसर तैनात किए हैं, पर उन गांवों में भीषण गर्मी के बीच लोगों को बिना बिजली के इसलिए जीना पड़ रहा है क्योंकि विभाग उन इलाकों में कई दिनों से बिजली आपूर्ति ही नहीं कर रहा था।
जहां इनका विरोध हो रहा था और लोग मीटर नहीं लगाने देर रहे थे। यह बात अलग है कि अब विभाग मेजिस्ट्रेट की निगरानी में पुलिस के बल पर मीटरों को लगा रहा है।
प्रदेश में दूसरा जंग का मैदान नया तो नहीं है पर अब सभी राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक दल इसमें कूद पड़े हैं, सिवाय भाजपा के। यह मामला सांबा जिले में सरोर टोल प्लाजा का है।
इसका विरोध करने वाले कई तर्क देते हैं। पहला, यह सरकारी नीति के अनुरूप नहीं है और 40 किमी के बीच ही दो टोल हैं तथा दूसरा नेशनल हाईवे का कार्य कई सालों से चल रहा है और सड़क की हालत ऐसी नहीं है कि कोई मन से टोल भरे।
अब यह आंदोलन हिंसक भी हो चुका है। आए दिन लाठीचार्ज, आंसू गैस और पथराव की घटनाओं के बाद धारा 144 लगा राजपूत सभा के 25 सदस्यों को जेल में भी ठूंस दिया गया है जो अब जेल में ही भूख हड़ताल पर हैं। और नेशनल हाईवे अथारिटी का साफ कहना है कि टोल नहीं हटेगा।