सारदा चिट फंड घोटालाः पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की मुसीबत बढ़ीं, गिरफ्तारी से मिली राहत हटी
By भाषा | Published: September 13, 2019 07:23 PM2019-09-13T19:23:57+5:302019-09-13T19:23:57+5:30
फिलहाल अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) के पद पर कार्यरत कुमार उस विशेष जांच दल (एसआईटी) का हिस्सा थे जिसे राज्य सरकार ने अन्य चिटफंड मामलों के साथ ही इस घोटाले की जांच के लिए बनाया था।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सारदा चिट फंड घोटाला मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को गिरफ्तारी से संरक्षण संबंधी अपने अंतरिम आदेश को शुक्रवार को हटा लिया।
अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक नोटिस को रद्द करने के उनके अनुरोध को भी खारिज कर दिया। इस नोटिस में कुमार से मामले में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया था। फिलहाल अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) के पद पर कार्यरत कुमार उस विशेष जांच दल (एसआईटी) का हिस्सा थे जिसे राज्य सरकार ने अन्य चिटफंड मामलों के साथ ही इस घोटाले की जांच के लिए बनाया था।
Kolkata: Central Bureau of Investigation (CBI) serves former Police Commissioner Rajeev Kumar a notice to appear tomorrow for interrogation in #SaradhaScamhttps://t.co/79D2NrGoYK
— ANI (@ANI) September 13, 2019
लेकिन उच्चतम न्यायालय ने 2014 में इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया। सारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने लाखों लोगों को कथित तौर पर निवेश पर ऊंचे रिटर्न का वादा कर उन्हें 2500 करोड़ रुपये का चूना लगाया था। कुमार के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब एसआईटी बनायी गयी थी तब कुमार विधाननगर पुलिस के आयुक्त थे और वह उसके रोजाना के कामकाज को देखते थे।
न्यायमूर्ति मित्र ने अपने आदेश में कहा कि कुमार का यह आरोप कि सीबीआई ने उन्हें निशाना बनाया, स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि एसआईटी में उनसे वरिष्ठ अधिकारियों से भी पूछताछ की गयी। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी द्वारा जारी नोटिस को दुर्भावनापूर्ण नहीं कहा जा सकता जैसा कि आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया है।
अदालत ने कहा कि कुमार यह सिद्ध करने में असफल हुए कि सीबीआई उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के मकसद से पूछताछ करने के लिए उन्हें तलब कर रही है। जांच में सहयोग करना किसी भी जिम्मेदार अधिकारी का दायित्व है।
सीबीआई ने 27 मई को सारदा पोंजी स्कीम मामले में कुमार को पूछताछ के लिए तलब किया था। उसे चुनौती देते हुए कुमार उच्च न्यायालय पहुंच गये थे और उन्हें गिरफ्तारी से राहत मिल गयी थी। इस राहत को नोटिस को रद्द करने के अनुरोध वाली उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान समय समय पर हिरासत से छूट देने की अविध को बढ़ाया गया।