संजीव खन्ना बने भारत के 51वें चीफ जस्टिस, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ; देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 11, 2024 11:04 AM2024-11-11T11:04:37+5:302024-11-11T11:26:40+5:30
New CJI: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।
New CJI: आज भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना ने शपथ ली है। 11 नवंबर, सोमवार के दिन खन्ना ने राष्ट्रपति मुर्मू के शपथ दिलाए जाने के दौरान शपथ ली। इस दौरान कार्यक्रम में राजनीतिक जगत के कई दिग्गज मौजूद रहें। राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति खन्ना को पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति खन्ना, जो छह महीने से अधिक समय तक सीजेआई के रूप में काम करेंगे, 13 मई, 2025 को पद छोड़ देंगे।
उन्होंने न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लिया है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर रविवार को सेवानिवृत्त हो गए।
जस्टिस संजीव खन्ना देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के 51 वें CJI बने
— Gaurav Bhatia गौरव भाटिया 🇮🇳 (@gauravbhatiabjp) November 11, 2024
Hon'ble Justice Sanjiv Khanna took oath as the 51st Chief Justice of India
With a legacy of impeccable reputation and landmark judgements, #JusticeKhanna steps into this pivotal role. His journey… pic.twitter.com/TO4DNZJiwv
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना चुनावी बांड योजना को खत्म करने और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने जैसे सुप्रीम कोर्ट के कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं।
दिल्ली बार काउंसिल के वकील के रूप में अपना कानूनी करियर शुरू किया। उन्हें संवैधानिक कानून, कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून और पर्यावरण कानून में व्यापक अनुभव है। न्यायमूर्ति खन्ना ने आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में भी काम किया। 2004 में उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) नियुक्त किया गया।
न्यायमूर्ति खन्ना को 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया और 2006 में वे स्थायी न्यायाधीश बन गए, जो उनके महत्वपूर्ण न्यायिक करियर की शुरुआत थी।
अपने कार्यकाल के दौरान, न्यायमूर्ति खन्ना ने दिल्ली न्यायिक अकादमी, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्रों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, न्यायिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 18 जनवरी, 2019 को, न्यायमूर्ति खन्ना को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किए बिना सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।