संजय राउत ने महाराष्ट्र विधानसभा को बताया ‘चोर सभा', सत्तारूढ़ विधायकों को कहा 'चोर मंडली', मचा जमकर हंगामा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 1, 2023 03:19 PM2023-03-01T15:19:57+5:302023-03-01T15:24:46+5:30
शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के राज्यसभा सांसद संजय राउत द्वारा कथित तौर से सत्तापक्ष के विधायकों को ‘चोर मंडली’ और विधानसभा को 'चोर सभा' कहे जाने पर महाराष्ट्र विधानसभा में जबरदस्त शोर-शराबा हुआ।
मुंबई: राज्यसभा सांसद और उद्धव शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र विधानसभा और सत्तापक्ष के विधायकों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसके बाद विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। संजय राउत द्वारा बीते मंगलवार को कथित तौर से सत्तापक्ष के विधायकों को ‘चोरमंडली’ और विधानसभा को 'चोर सभा' कहे जाने पर महाराष्ट्र विधानसभा में जबरदस्त शोर-शराबा हुआ।
राउत के बयान की आलोचना न केवल सत्ताधारी भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट के विधायकों ने की बल्कि उन्हें विपक्षी सदस्यों की भी आलोचना का शिकार होना पड़ा। जानकारी के अनुसार सांसद संजय राउत के विवादित बयान पर बुधवार को उस समय हंगामा हुआ, जब मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार ने इसे निचले सदन की कार्यवाही में उठाया।
उन्होंने कहा कि सदन में मौजूद एक दल के सांसद द्वारा इस विधानसभा के तमाम सदस्यों को चोर कहा जा रहा है। यह न केवल विधायकों बल्कि पूरे महाराष्ट्र का अपमान है।
इस विवाद ने तब ज्यादा तूल पकड़ लिया, जब भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा सदस्य संजय राउत के इस विवादित टिप्पणी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से इसे स्वीकार करने का आग्रह किया है।
लेकिन बात सिर्फ सत्ता पक्ष के विधायकों तक ही नहीं रूकी, मामले में नेता प्रतिपक्ष और एनसीपी नेता अजीत पवार ने भी कहा कि संजय राउत द्वारा दिया गया बयान न केवल अशोभनीय है बल्कि इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वीकार भी नहीं किया जा सकता है। वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने भी राउत के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और वो भी ऐसे नेता से जो स्वयं राज्यसभा के सांसद हैं।
थोराट ने कहा कि संजय राउत द्वारा वास्तव में क्या कहा गया है, इसकी जांच होनी चाहिए और साथ में सभी को सदन की गरिमा के प्रति सावधान रहना चाहिए।
संजय राउत के इस विवादित बयान के कारण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के विधायकों द्वारा जमकर हंगामा किया गया। जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को 10 मिनट के लिए तीन बार सदन को स्थगित करना पड़ा। उसके बाद पीठासीन अधिकारी योगेश सागर ने भी दो बार 20 मिनट और 30 मिनट के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा।