पुराने संसद भवन से RSS-BJP का रिश्ता नहीं, नए पार्लियामेंट की शिला पर मोदी का नाम लिखवाने के लिए हो रहा खर्चाः संजय राउत
By अनिल शर्मा | Published: May 24, 2023 11:19 AM2023-05-24T11:19:49+5:302023-05-24T11:34:28+5:30
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की मांग है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए। राजद ने भी कहा है कि 28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेगा।
मुंबईः राष्ट्रपति के हाथों नए संसद भवन के उद्घाटन की मांग करते हुए कांग्रेस समेत कई अन्य दलों ने पीएम मोदी के हाथों 28 के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। इस बीच उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने बुधवार कहा है कि यह (पुराना) संसद भवन ऐतिहासिक है और इस संसद भवन से न आरएसएस और न भाजपा का कोई रिश्ता है।
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि यह खर्चा सिर्फ शिला पर 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया' लिखवाए जाने के लिए हो रहा है। इसिलए देश के विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। बकौल संजय राउत- द्रौपदी मुर्मू जी को आदिवासी महिला के नाम पर राष्ट्रपति बनाया लेकिन उनको राष्ट्रपति भवन से बाहर तक नहीं आने दिया जाता।
यह (पुराना) संसद भवन ऐतिहासिक है और इस संसद भवन से न RSS और न भाजपा का कोई रिश्ता है। यह खर्चा सिर्फ शिला पर 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा का उद्घाटन किया गया' लिखाए जाने के लिए हो रहा है। संविधान के अभिरक्षक राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया जा रहा:उद्धव गुट के नेता संजय राउत pic.twitter.com/4OjMmbf0ba
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 24, 2023
इससे पहले संजय राउत ने कहा था कि नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं करना “चिंताजनक” होने के साथ-साथ “हास्यास्पद” भी है। पत्रकारों से राउत ने यह भी कहा कि पहली बात तो नए संसद भवन की कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि मौजूदा संसद भवन से 100 और वर्षों तक काम चल सकता था। राज्यसभा सदस्य ने कहा, “राजनीतिक लालच” ने नई दिल्ली में नरेन्द्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा परियोजना को प्रेरित किया।
गौरतलब है कि कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों की मांग है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए। राजद ने भी कहा है कि 28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेगा। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि 'हमारी सभी लोगों से बात हुई है हम लोग इसका बहिष्कार करेंगे। हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है'।
#WATCH हमारी सभी लोगों से बात हुई है हम लोग इसका बहिष्कार करेंगे। हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है: नए संसद के उद्घाटन पर बिहार के उप मुख्यमंत्री… pic.twitter.com/O4cY5sn9D3
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 24, 2023
वहीं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने भी उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉ जॉन ब्रिट्स ने ANI से पुष्टि की है। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की बात कही है। सूत्रों ने बताया कि समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की और सदन में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा जल्द ही एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा, जिसमें उद्घाटन कार्यक्रम के संयुक्त बहिष्कार की घोषणा की जाएगी।
राज्यसभा में तृणमूल के के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने मंगलवार ट्वीट किया, ‘‘संसद सिर्फ एक नयी इमारत नहीं है; यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है - यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह नहीं समझते हैं। उनके लिए, रविवार को नयी इमारत का उद्घाटन सिर्फ मैं, खुद के बारे में है। इसलिए हमें इससे बाहर रखें।’’
गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। राउत ने कहा कि दुनिया में कुछ अन्य संसद भवन हैं जो भारतीय संसद से पुराने हैं, जिनमें इटली, जर्मनी और ब्रिटेन शामिल हैं, और वे अब भी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं।