शिंदे गुट पर संजय राउत का तंज, कहा- बागी विधायकों को सिर्फ पैसा ही नहीं बल्कि कुछ और भी दिया गया
By मनाली रस्तोगी | Published: July 5, 2022 01:20 PM2022-07-05T13:20:16+5:302022-07-05T13:26:16+5:30
शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि अगर किसी को गुमराह कर, फंसाकर लेकर गए हैं तो हमें अभी भी उम्मीद है कि वे वापस आएंगे। वे भी हमारे ही लोग हैं।
मुंबई: शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को विश्वास जताया कि बागी विधायक वापस आएंगे और मध्यावधि चुनाव में पार्टी 100 सीटें जीतेगी। राउत ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमें अब भी उम्मीद है कि ये विधायक लौट आएंगे। हम हमेशा विद्रोहियों के साथ बातचीत कर रहे थे। वे हमारे लोग हैं और वापस आएंगे। सुबह का भूला अगर शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते।
Mumbai | We are confident of winning 100 seats as Shivsena... Uddhav Thackeray had said let's have mid-term polls and everything will be clear.. who will win & who will lose: Shiv Sena leader Sanjay Raut pic.twitter.com/Iz044vpRs7
— ANI (@ANI) July 5, 2022
राउत ने ये भी कहा कि शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की है। ये किसी और की नहीं हो सकती। आप इसे पैसे के जरिए हाईजैक नहीं कर सकते। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि सिर्फ पैसा ही नहीं बल्कि कुछ और भी दिया। जब यह 'कुछ' सामने आएगा तो यह बड़ा खुलासा होगा। हमें शिवसेना के रूप में 100 सीटें जीतने का भरोसा है। उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मध्यावधि चुनाव होते हैं और सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा कि कौन जीतेगा और कौन हारेगा।
Mumbai | Shiv Sena is Baba Thackeray's. Cannot be anyone else's. You cannot hijack it through money. CM Mamata Banerjee has said, not just money but something else was also given. It will be a big expose when this 'something' is revealed: Shiv Sena leader Sanjay Raut pic.twitter.com/sHbqLgkAs4
— ANI (@ANI) July 5, 2022
एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा शिवसेना नेताओं को अयोग्य नोटिस भेजने पर संजय राउत ने कहा, "उन्हें (नोटिस) भेजने दीजिए, यह एक प्रक्रिया है। आदित्य ठाकरे जी को छोड़कर बाकी को दिया गया है, यह मुझे नहीं पता। जिन 14 विधायकों को नोटिस भेजा गया वे भी बालासाहेब ठाकरे के चेले और शिवसैनिक हैं।" मुख्य सचेतक भरत गोगावले ('विद्रोही' गुट से) द्वारा जारी किए गए व्हिप के बावजूद उद्धव ठाकरे के कई वफादारों ने नई सरकार के खिलाफ मतदान करने का विकल्प चुना था। अब आदित्य ठाकरे को छोड़कर, उन्हें अयोग्यता की संभावना का सामना करना पड़ रहा है।