'क्या लोग भाभी जी के पापड़ खा कर ठीक हुए?' कोरोना को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना पर संजय राउत का जवाब
By विनीत कुमार | Published: September 17, 2020 11:06 AM2020-09-17T11:06:20+5:302020-09-17T11:06:20+5:30
संजय राउत ने राज्य सभा में कोरोना संकट पर चर्चा के दौरान कहा कि महाराष्ट्र की आलोचना बेवजह कुछ लोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में तेजी से लोग कोरोना से ठीक भी हो रहे हैं।
शिवसेना के राज्य सभा सांसद संजय राउत ने गुरुवार को कोविड-19 पर हुई चर्चा में कहा कि कुछ लोग बस ऐसे ही महाराष्ट्र सरकार की आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लोग से इस महामारी से ठीक भी हो रहे हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी धारावी में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए बीएमसी के किए गए प्रयासों की सराहना की है।
उन्होंने राज्य सभा में चर्चा के दौरान कहा, 'मेरी मां और मेरे भाई भी संक्रमित हैं। कई लोग महाराष्ट्र में तेजी से ठीक भी हो रहे हैं। आज धारावी में स्थिति नियंत्रण में है। WHO ने भी बीएमसी के प्रयासों की सराहना की है। मैं ये कहना चाहता हूं कि कुछ लोग यहां कल महाराष्ट्र सरकार की आलोचना कर रहे थे।'
संजय राउत ने आगे कहा, 'मैं सदस्यों से पूछना चाहता हूं कि कैसे इतने लोग ठीक हुए? क्या लोग भाभी जी के पापड़ खा कर ठीक हो गए? ये राजनीतिक लड़ाई नहीं है बल्कि लोगों का जीवन बचाने की लड़ाई है।'
I want to ask the members how did so many people recover? Kya log bhabhi ji ke papad kha karke theek ho gaye? This isn't a political fight but a fight to save the lives of people: Shiv Sena MP Sanjay Raut during a discussion on the Statement made by Health Minister on COVID19 https://t.co/hswIFDPTlc
— ANI (@ANI) September 17, 2020
देश के आर्थिक हालात पर भी बरसे संजय राउत
संजय राउत ने देश के आर्थिक हालात पर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने मुख्य रूप से जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) का मामला उठाया और सरकार ने इसके निजीकरण नहीं किए जाने का अनुरोध किया।
संजय राउत ने कहा, 'देश की आर्थिक हालत बहुत गंभीर है। अब स्थिति ऐसी है कि हमारी GDP और हमारा RBI भी कंगाल हो चुका है। ऐसे में सरकार एयर इंडिया, रेलवे, LIC और काफी कुछ बाज़ार में बेचने के लिए ले आई है। बहुत बड़ा सेल लगा है। अब इस सेल में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट को भी खड़ा कर दिया है।'
संजय राउत ने शून्यकाल में कहा कि जेएनपीटी एक लाभकारी उपक्रम है और सरकार को 30 फीसदी से अधिक मुनाफा देता है। सरकार इसके निजीकरण पर विचार कर रही है। इसके निजीकरण का मतलब राष्ट्रीय संपत्ति को गहरा नुकसान होना है।
उन्होंने कहा, 'युद्ध के दौरान नौसेना के बाद इस बंदरगाह ने साजोसामान की ढुलाई में भी अहम भूमिका निभाई है। इस पोर्ट ट्रस्ट के निजीकरण का मतलब है 7000 एकड जमीन को निजी हाथों में दे देना। इससे बेरोजगारी भी बढेगी क्योंकि निजीकरण होने पर सबसे पहले कामगारों की छंटनी होगी। यह एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी यह खास है।'