शाहीन बाग में CAA के खिलाफ प्रदर्शन, दादी के नाम से चर्चित बिल्किस ने कहा- चाहे गोली भी चला दे, वे वहां से एक इंच भी नहीं हटेंगे

By भाषा | Published: February 20, 2020 04:17 PM2020-02-20T16:17:05+5:302020-02-20T16:17:05+5:30

दादी के नाम से चर्चित बुजुर्ग महिला बिल्किस ने कहा कि चाहे कोई गोली भी चला दे, वे वहां से एक इंच भी नहीं हटेंगे। नाराज वृद्ध महिला ने कहा कि मुख्य तम्बू जहां पर पोडियम खड़ा किया गया है, उसने सड़क के केवल 100 से 150 मीटर हिस्से को ही घेर रखा है।

Sanjay Hegde and Sadhana Ramachandran — mediators appointed by Supreme Court speak to protesters at Shaheen Bagh. | शाहीन बाग में CAA के खिलाफ प्रदर्शन, दादी के नाम से चर्चित बिल्किस ने कहा- चाहे गोली भी चला दे, वे वहां से एक इंच भी नहीं हटेंगे

जब हमने अंग्रेजों को देश से बाहर निकाल दिया, तो नरेन्द्र मोदी और अमित शाह क्या चीज हैं?

Highlightsदिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के नाम पर पूरी सड़क पर बंद कर दी है। जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता तब तक वे वहां से नहीं हटेंगे।

उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त दो वार्ताकारों ने शाहीन बाग पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत शुरू की है। इस दौरान धरने पर बैठीं महिलाएं अपने दिल की बात कहते समय भावुक होने के साथ ही नाराज नजर आईं।

दादी के नाम से चर्चित बुजुर्ग महिला बिल्किस ने कहा कि चाहे कोई गोली भी चला दे, वे वहां से एक इंच भी नहीं हटेंगे। नाराज वृद्ध महिला ने कहा कि मुख्य तम्बू जहां पर पोडियम खड़ा किया गया है, उसने सड़क के केवल 100 से 150 मीटर हिस्से को ही घेर रखा है।

उन्होंने कहा, ''हमने पूरे हिस्से को अवरुद्ध नहीं कर रखा है। दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के नाम पर पूरी सड़क पर बंद कर दी है। आप पहले उसे क्यों नहीं हटाते? हमने कभी भी पुलिस या किसी अधिकारी से हमारे लिए सड़कों को अवरुद्ध करने के लिए नहीं कहा।

उन्होंने ही सड़क बंद कर रखी है और अब नाकेबंदी के लिए हमें दोषी ठहरा रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता तब तक वे वहां से नहीं हटेंगे। बिल्किस ने कहा, ''उन्होंने हमें गद्दार कहा। जब हमने अंग्रेजों को देश से बाहर निकाल दिया, तो नरेन्द्र मोदी और अमित शाह क्या चीज हैं? अगर कोई हम पर गोली भी चला दे, तब भी हम एक इंच पीछे नहीं हटेंगे।

आप एनआरसी और सीएए को खत्म कर दो, हम एक सेकेंड से पहले जगह खाली कर देंगे।'' वार्ताकारों से बात करते समय एक महिला रो पड़ी। महिला ने कहा कि वे संविधान को बचाने के लिये प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन लोगों को केवल यात्रियों को हो रही असुविधा दिख रही है। वे चाहें तो कई अन्य रास्तों से आ जा सकते हैं।

उन्होंने कहा, ''क्या हमें सर्द रातों में बिना खाने, बिना अपने बच्चों के यहां बैठकर असुविधा नहीं हो रही। हम खुद भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, हम नागरिकों के लिये कैसे परेशानी बन सकते हैं?'' महिला ने कहा कि एंबुलेंस और वाहनों को रास्ता नहीं देने के आरोप बेबुनियाद हैं।

उन्होंने कहा, ''हमने रोड जाम नहीं कर रखा। बल्कि केन्द्र सरकार ने देश में आजादी पर रोक लगा रखी है।'' एक अन्य महिला ने विरोध प्रदर्शनों को अपने लिये मानसिक आघात बताया। उन्होंने कहा, "हम रात में सो नहीं पा रहे हैं और यहां हर महिला डरी हुई है। हमारा धर्म हमें आत्महत्या की इजाजत नहीं देता लेकिन हम हर दिन मर रहे हैं। हमारी हालत बीमारों जैसी हो गई है और मौत मांग रहे हैं।"

इस महीने की शुरुआत में प्रदर्शन स्थल पर गोली चलने की घटनाओं से दहशत फैल गई थी। कई महिलाओं ने कहा कि वे पीढ़ियों से इस इलाके में रह रही हैं। उन्होंने कहा, ''हम कोई घुसपैठिये नहीं हैं, जो चले जाएंगे।'' बटला हाउस में रहने वाली रुख्सार ने कहा, ''यह सरकार केवल हुक्म चलाती है। यही प्रधानमंत्री आंसू बहाते हुए कह रहे थे कि वह मुस्लिम महिलाओं के दर्द को महसूस करते हैं और ट्रिपल तालक बिल लाए हैं। वह न्याय दिलाने के लिये पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को ढूंढ रहे थे। हम सैंकड़ों महिलाएं यहां बैठी हैं, हमें इंसाफ दिलाएं।'' तीन घंटे चली बातचीत बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी। 

गौरतलब है कि 16 दिसंबर से जारी धरने के चलते दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली मुख्य सड़क बंद है, जिससे यात्रियों और स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी हो रही है। महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने वार्ताकारों के सामने अपनी-अपनी बात रखने का प्रयास किया।

Web Title: Sanjay Hegde and Sadhana Ramachandran — mediators appointed by Supreme Court speak to protesters at Shaheen Bagh.

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