Samaj Sudhar Yatra: समाज सुधार यात्रा पर सीएम नीतीश, शराबबंदी पर कर रहे बात, तेजस्वी यादव ने कसा तंज

By एस पी सिन्हा | Updated: December 22, 2021 19:36 IST2021-12-22T19:35:52+5:302021-12-22T19:36:52+5:30

Samaj Sudhar Yatra: वर्ष 2018 में डब्ल्यूएचओ ने ग्लोबल स्टेट्स रिपोर्ट आन अल्कोहल एंड हेल्थ जारी किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में शराब के कारण विश्व भर में तीस लाख से अधिक की मौत हुई. यह कुल मौत का 5.3 प्रतिशत है.

Samaj Sudhar Yatra bihar cm nitish kumar who talking on liquor ban Tejashwi Yadav took a jibe | Samaj Sudhar Yatra: समाज सुधार यात्रा पर सीएम नीतीश, शराबबंदी पर कर रहे बात, तेजस्वी यादव ने कसा तंज

मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव में सफलता मिली तो तत्काल नवंबर में ही बैठक कर शराबबंदी की घोषणा कर दी गई.

Highlightsयुवाओं में मृत्यु दर बूढे़ लोगों की अपेक्षा अधिक है.2015 में एक महिलाओं के सम्मेलन में जाने का मौका मिला.मुख्यमंत्री ने इस अभियान के शुरू होने के पीछे की पूरी कहानी साझा की.

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने समाज सुधार यात्रा पर आज यानी बुधवार से निकल गए हैं. उन्होंने अपनी यात्रा तय कार्यक्रम के तहत चंपारण से शुरू की है. मुख्यमंत्री आज सुबह मोतिहारी पहुंचे जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि शराबबंदी ने समाज के सभी वर्ग के लोगों को फायदा पहुंचाया है.

आज घरों में खुशियां लौट आई हैं. इस अभियान के तहत मुख्यमंत्री शराब के दुष्प्रभावों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर विशेष रूप से चर्चा किया.  दरअसल, वर्ष 2018 में डब्ल्यूएचओ ने ग्लोबल स्टेट्स रिपोर्ट आन अल्कोहल एंड हेल्थ जारी किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में शराब के कारण विश्व भर में तीस लाख से अधिक की मौत हुई. यह कुल मौत का 5.3 प्रतिशत है.

वहीं शराब की कारण से युवाओं में मृत्यु दर बूढे़ लोगों की अपेक्षा अधिक है. बीस से उनचालिस आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब के कारण होती है. शराब के कारण मृत्यु टीबी, एचआईवी, एड्स और मधुमेह से होने वाली मृत्यु से अधिक है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने इस अभियान के शुरू होने के पीछे की पूरी कहानी साझा की.

उन्होंने कहा कि एक महिला के कहने पर ही उन्होंने इतना बड़ा फैसला लिया. शुरू में केके पाठक को इसकी जिम्मेदारी दी गई. बाद में सब इस काम में जुट गए. नीतीश कुमार ने कहा कि सबको मालूम है, जबसे हमें काम करने का मौका मिला है, हमने बिहार के विकास, समाज का विकास व हाशिए पर रह रहे लोगो के विकास के लिए काम किया है.

लोग केवल मेरे आने से पहले हालात और आज की स्थिति में तुलना कर लें तो सबकुछ साफ हो जाएगा. विकास के साथ ही समाज में सुधार करना मेरी प्राथमिकता रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 से ही शराब के खिलाफ अभियान चल रहा है. जननायक कर्पूरी ठाकुर ने 1977 में शराबबंदी की थी, लेकिन बाद में हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि 2015 में एक महिलाओं के सम्मेलन में जाने का मौका मिला.

उस कार्यक्रम में महिलाओं ने एक स्वर में सूबे में शराबबंदी की बात उठा दी. उसी समय मैंने घोषणा की थी कि अगली बार अगर सरकार में आए तो शराबबंदी जरूर करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव में सफलता मिली तो तत्काल नवंबर में ही बैठक कर शराबबंदी की घोषणा कर दी गई. शुरू में विभाग की जवाबदेही केके पाठक को ही दी गई थी.

बाद में कानून बना व सभी दलों ने एक साथ इसके लिए शपथ लिया. उन्होंने कहा कि 2015 में जब सूबे के अलग-अलग जगहों पर गए तो शिकायत मिलती थी, लेकिन निरंतर अभियान चलता रहा. इसी दौरान 21 जनवरी 17 को मानव श्रृंखला में 4 करोड़ लोग शामिल हुए. शराबबंदी से समाज मे काफी परिवर्तन आया है. खासकर महिलाओं को इसका काफी लाभ मिला है.

हर समय व हर काल मे गड़बड़ी करने वाले लोग होते ही हैं. उन्होंने कहा कि 2016 में देसी पूरी तरह से बंद कर दिया गया, लेकिन शहरी इलाकों में विदेशी जारी रखा गया था. शहरी इलाकों के लिए टेंडर भी हो गया था, लेकिन जब शहरों में दुकान खुलने लगी तो लोग शराब दुकानों के विरोध में सड़क पर उतर आए. तब लोगों के विरोध को देखते हुए शहरी क्षेत्र में भी विदेशी शराब बन्द करने का निर्णय ले लिया गया.

उन्होंने कहा कि दारू पसन्द करने वाले मेरे बारे में तरह-तरह की बातें करते हैं. आज ऐसे लोग भारी संख्या में हैं, जो पहले शराब के आदि थे, लेकिन आज छोड दिया है. जब शराब बंद है तो कुछ लोग चोरी छुपे पी रहे हैं. मर भी रहे हैं. इसमें किसकी गलती है? नीतीश कुमार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक सर्वेक्षण की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2018 में प्रकाशित सर्वे में कहा गया कि शराब पीने के कारण दुनिया भर में ऐसे 30 लाख लोगों की मौत हो जाती है. 20 साल से लेकर 39 साल के 13.5 फीसद उम्र लोगों की मौत शराब के कारण होती है.

दुनियाभर में 18 फीसद ऐसे लोग होते हैं, जो शराब के नशे में आत्महत्या कर लेते हैं. इसके अलावा 18 फीसद लोग शराब पीने के बाद आपसी झगड़ा करते हैं. दुनियाभर में साल भर के अंदर जितनी सड़क दुर्घटनाएं हुईं, उनका 27 फीसद कारण सिर्फ शराब पीकर वाहन चलाना रहा. दुनिया मे लीवर खराब होने के मामले में 47 फीसद ऐसे लोग होते हैं, जो शराब के आदि होते हैं.

यहां बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज सुधार यात्रा की शुरुआत आज मोतिहारी से की है. जिसका समापन 15 जनवरी को पटना में होगा. इस कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार हर जिले में शराबबंदी, दहेज प्रथा, बाल विवाह से जुडे़ मामले, गृह विभाग से संबंधित कार्य, पक्की नली-गली योजना के कार्य, सतत जीविकोपार्जन योजना संबंधी कार्य, हर घर जल नल योजना के कार्य, स्वच्छता से जुडे कार्य और धान अधिप्राप्ति की जानकारी भी लेंगे. इस अभियान के दौरान नीतीश जनसभा को भी संबोधित करेंगे.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले नीतीश कुमार अपने 16 वर्षों के शासनकाल में 12 यात्राएं कर चुके हैं. अब यह उनका 13 वां यात्रा शुरू हुआ है.  इसबीच बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस अभियान को लेकर तंज कसा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि बदहाल शिक्षा, स्वास्थ्य व विधि व्यवस्था, महंगाई, भ्रष्टाचार, गरीबी, पलायन और बेरोजगारी सरकार की व्यवस्था संबंधित सबसे बडी सामाजिक समस्याएं नहीं है? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इन सामाजिक खामियों, समस्याओं और प्रशासनिक विफलताओं पर यात्रा कर इन्हें दूर क्यों नहीं करना चाहते?

उन्होंने कहा कि 16 वर्षों से आप बिहार की सत्ता में हैं. राज्य को समाज सुधार से कहीं अधिक व्यवस्था सुधार यात्रा की है. नेता प्रतिपक्ष ने ट्विटर पर आगे लिखा कि अगर सिस्टम सही हो जाएगा तो अधिकांश सामाजिक समस्याएं स्वत: दूर हो जाएंगी. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में प्रशासनिक आराजकता व्याप्त है और आपका सिस्टम ध्वस्त हो चुका है.

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