एक्सक्लूसिव: बीजेपी-पीडीपी के चलते कश्मीर के हालात 1990 जैसे बिगड़े-सलमान सोज

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: May 5, 2019 09:48 AM2019-05-05T09:48:15+5:302019-05-05T10:05:01+5:30

जम्मू-कश्मीर में हो रहे लोकसभा चुनाव, वहां के युवाओं, आतंकवाद और कश्मीर समस्या के हल को लेकर सलमान सोज ने लोकमत से विशेष बातचीत है की है। पढ़िए इंटरव्यू के चुनिंदा अंश:

salman soz exclusive interview with lokmat about jammu and kashmir terrorism | एक्सक्लूसिव: बीजेपी-पीडीपी के चलते कश्मीर के हालात 1990 जैसे बिगड़े-सलमान सोज

एक्सक्लूसिव: बीजेपी-पीडीपी के चलते कश्मीर के हालात 1990 जैसे बिगड़े-सलमान सोज

Highlightsजम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-एनसी 4 या 5 सीटें जीत सकती है-सोजअनंतनाग और लद्दाख में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है-सोज

ऑल इंडिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस के को-आर्डिनेटर और जम्मू-कश्मीर के बारामूला के रहने वाले सलमान सोज ने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2019 में JK में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रत्याशी अधितकर सीटों पर जीत हासिल करेगी। उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुआ कि खुफिया रिपोर्ट होने के बावजूद सीआरपीएफ के जवानों को एयरलिफ्ट क्यों नहीं किया गया?

जम्मू-कश्मीर में हो रहे चुनाव, वहां के युवाओं, आतंकवाद और कश्मीर समस्या के हल को लेकर सलमान सोज ने लोकमत से विशेष बातचीत है की है। पढ़िए इंटरव्यू के चुनिंदा अंश:

प्रश्न: कांग्रेस कितनी सीटें जीतने जा रही है?
ये तो आपको 23 मई को पता चलेगा, लेकिन जो स्थिति 2014 में थी वो इस बार नहीं है। मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-एनसी 4 या 5 सीटें जीत सकती है।

प्रश्न: बारामूला से आप चुनाव लड़ना चाहते थे, आपको टिकट नहीं मिला?

टिकट मिलने के कई कारण होते हैं। हम तो पार्टी के कार्यकर्ता हैं, जो पार्टी कहती है वैसे ही चलते हैं। 

प्रश्न: बारामूला सीट पर आपके वालिद सैफुद्दीन सोज 1984 और 1989 में जीत चुके हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी हाजी मीर वहां दो बार विधानसभा चुनाव हारे हैं। क्या एनसी को फायदा पहुंचाने के लिए हाजी मीर को टिकट दिया गया?

पार्टी की रणनीति में आपको नहीं बता सकता। हाजी साहब कुपवाड़ा के अध्यक्ष हैं, उनका अपना जनाधार है। ऐसी बात नहीं है कि वो कमजोर उम्मीदवार हैं। बारामूला में 15 विधानसभा क्षेत्र हैं, वहां सभी कांग्रेस नेता हाजी साहब की मदद कर रहे हैं। मैं चाहता हूं कि कांग्रेस या एनसी का प्रत्याशी ही जीते।

प्रश्न: जम्मू- उधम पुर के लिए कांग्रेस ने श्रीनगर सीट फारुख अब्दुल्ला के लिए छोड़ दी। क्या जम्मू क्षेत्र में बीजेपी बनाम कांग्रेस और घाटी में एनसी बनाम पीडीपी की लड़ाई है?

नहीं, पूरी तरह ऐसा नहीं है। श्रीनगर में हम फारुख साहेब का समर्थन कर रहे हैं। अनंतनाग में कांग्रेस की जीत हो सकती है, वहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, एनसी ने भी वहां अपना उम्मीदवार उतारा है। लद्दाख में बीजेपी के साथ हमारी टक्कर है।

प्रश्न: क्या फ्रेंडली फाइट से कांग्रेस को नुकसान नहीं होगा। यूपी-बिहार में भी आप कई जगह फ्रेंडली फाइट कर रहे हैं? 

फ्रेंडली फाइट में भी कांग्रेस अपना दम लगा रही है। 

प्रश्न: कश्मीर में 2016 में बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से कई युवाओं ने गलत राह चुन लिया, वो आतंक की राह चल पड़े। कश्मीर के युवाओं के लिए कांग्रेस के पास क्या योजना है? 

ये सिर्फ ढाई साल पुरानी बात नहीं है। आप देखेंगे तो वाजपेयी जी के टाइम से मनमोहन सिंह के समय तक कश्मीर में नागरिकों और सैनिकों के मौतों का आंकड़ा घटते जा रहा था। लेकिन 2013-14 से कश्मीर में मौतों का आंकड़ा बढ़ने लगा। वो क्यों हुआ, हमारे अनुसार बीजेपी-पीडीपी की सरकार से निराशा फैली। लोग बहुत परेशान हो गए, मायूस हो गए। मारधार ज्यादा शुरू हो गई। बीजेपी ने अपने राष्ट्रीय स्तर के चुनाव के लिए कश्मीर का राजनीतिकरण किया। उससे कश्मीर के साथ ही राष्ट्रीय हित का नुकसान हुआ। 

युवा भी किसी के बच्चे हैं, किसी के भाई हैं। कश्मीर को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने विचार रखे हैं। कांग्रेस का सिंपल योजना है कि कश्मीर तो जटिल समस्या है, आतंकवाद से कोई समझौता नहीं हो सकता है। लेकिन जो आम लोग हैं, उनकी इज्जत करनी है। कोई अगर आपको बेइज्जत करे तो आपको भी पसंद नहीं आएगा। हमें कश्मीर के लोगों से मोहब्बत करनी है। आपको इंसान को इंसान की तरह देखना होगा। इससे राज्य में काफी असर पड़ सकता है। वाजपेयी जी, मुफ्ती साहब और आजाद साहेब के समय हालात बिलकुल सामान्य हो गए थे।

प्रश्न: यूपीए के शासनकाल में भी कश्मीर अशांत रहा है? 

मैं मानता हूं कि 2008 और 2010 में कश्मीर में अशांति फैली थी। लेकिन अब हालात 1990 के दशक की तरह हो गए हैं। 2010 में ऐसी बातें कश्मीर में कोई नहीं कहता था। मैं मानता हूं कि 2010 में हालात बिगड़े लेकिन 2011 में फिर सुधार आया। लेकिन अब हालात बिगड़ गए हैं, देश के लोगों को पता होना चाहिए कि जो पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करती है, उसके चलते कश्मीर में इनसिक्योरिटी फैल गई है। 

पुलवामा में जो हमला हुआ, ऐसा हमला वहां नहीं हुआ था। पुलवामा और गढ़चिरोली का बदला लेंगे? लेकिन बदला लेने की पॉलिसी से क्या होगा, आपको पहले ही रोकथाम करनी होगी। जो सीआरपीएफ के जवान मारे गए, वो भी तो किसी के बच्चे थे। बदले से उस मां का क्या फायदा है। गढ़चिरोली में जवान क्यों मारे गए, कुछ तो गड़बड़ थी। जिम्मेदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं। इस मुल्क में आप सिर्फ क्रेडिट लेना चाहते हैं, लेकिन जिम्मेदारी नहीं।

प्रश्न: कश्मीर में हिंसा के दौर में अगर 23 मई के बाद कांग्रेस की सरकार बनती है तो आपके पास क्या ठोस योजना है? युवाओं के लिए क्या करेंगे और आतंकवाद पर कैसे रोक लगेगी?

आतंकवाद तो राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। हम सुरक्षा के लिए हर तरह के कदम उठाएंगे। ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम सीआरपीएफ के एक बड़े काफिले को खड़ा करके बोलेंगे कि नेशनल हाईवे पर चलो। आपके पास इंटिलिजेंस की रिपोर्ट थी, उसके बावजूद एयरलिफ्ट नहीं किया गया। ऐसा हम नहीं करेंगे।

युवाओं को इज्जत से, तमीज से बात करेंगे। बाकी जगह जैसे बेरोजगारी की समस्या है, वैसा ही कश्मीर में है। युवाओं के लिए रोजगार के लिए स्कीम्स लाएंगे। ऐसा पहले भी हुआ है। युवाओं को उम्मीद दिखनी चाहिए। एक तरफ हम आतंकवाद पर कड़ा प्रहार करेंगे और दूसरी तरफ लोगों को इज्जत की जिंदगी देंगे।

English summary :
Salman Anees Soz Exclusive Interview with Lokmat News Hindi: Salman Soz speaks with Lokmat Media on Lok Sabha Elections 2019, Burhan Wani Encounter, Youths in Kashmir Valley, UPA regime, BJP, PDP and Congress in General Elections 2019.


Web Title: salman soz exclusive interview with lokmat about jammu and kashmir terrorism