समान नागरिक संहिता की स्पष्ट परिभाषा बताए सरकार: सलमान खुर्शीद

By एएनआई | Published: April 28, 2022 07:37 AM2022-04-28T07:37:46+5:302022-04-28T07:42:03+5:30

समान नागरिक संहिता पर बहस के बीच सलमान खुर्शीद ने सरकार से कहा है कि वह इसकी स्पष्ट परिभाषा बताए। उन्होंने कहा कि इसके बाद ही इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया दी जा सकती है।

Salman Khurshid asks clear definition of Uniform Civil Code from government | समान नागरिक संहिता की स्पष्ट परिभाषा बताए सरकार: सलमान खुर्शीद

समान नागरिक संहिता कि स्पष्ट परिभाषा बताए सरकार: सलमान खुर्शीद (फाइल फोटो)

Highlightsसलमान खुर्शीद ने केंद्र सरकार पर समाज में भेदभाव फैलाने का आरोप लगाया है।खुर्शीद ने कहा कि समान नागरिक संहित के मामले में भी सरकार इसी तरह के भेदभाव का व्यवहार कर सकती है।खुर्शीद ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि समान नागरिक संहिता क्या है?

नई दिल्ली: देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने बुधवार को कहा कि सरकार को स्पष्ट रूप से इसकी परिभाषा बतानी चाहिए। कांग्रेस नेता ने सरकार की कार्यशैली पर भी संदेह जताते हुए आरोप लगाया कि उसने समाज में भेदभाव फैलाया है। खुर्शीद ने कहा कि समान नागरिक संहित के मामले में भी सरकार की ओर से इसी तरह के व्यवहार की संभावना है।

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार सलामान खुर्शीद ने कहा, 'उन्हें बताना चाहिए कि समान नागरिक संहिता क्या है? संविधान में इसका का उल्लेख है कि एक समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास किया जाएगा लेकिन एक स्पष्ट परिभाषा और इसका क्या प्रभाव होगा, ये साफ नहीं है। सरकार ने कभी नहीं कहा कि जब वह समान नागरिक संहित की बात करती है तो यह हिंदू कोड होगा। किसी भी धर्म की अच्छी बातें हो सकती हैं, चाहे वह इस्लाम हो, ईसाई धर्म हो या अन्य धर्म। उन्हें बताना चाहिए कि समान नागरिक संहिता की परिभाषा क्या है, तभी हम प्रतिक्रिया दे सकते हैं।'

समान नागरिक संहिता पर क्यों हो रही बहस?

उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ मामलों के राज्य मंत्री दानिश अंसारी ने हाल में कहा कि राज्य में भाजपा सरकार कौमी चौपाल के तहत चर्चा कर समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में कदम उठाएगी। इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह कह चुके हैं कि राज्य के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने के लिए एक 'उच्चस्तरीय' विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा।

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सोमवार को कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन के मुद्दे पर बात हो रही है। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने मंगलवार को समान नागरिक संहिता को 'एक असंवैधानिक और अल्पसंख्यक विरोधी कदम' करार दिया और कानून को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकारों द्वारा महंगाई, अर्थव्यवस्था और बढ़ती बेरोजगारी से ध्यान भटकाने का प्रयास बताया। 

समान नागरिक संहिता क्या है?

समान नागरिक संहिता एक प्रस्ताव है जिसके तहत सभी नागरिकों पर समान रूप से एक कानून लागू करने की बात है। फिलहाल विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति बंटवारे जैसे कई विषयों में सभी नागरिकों के लिए नियम उनके धर्म के आधार पर हैं। ऐसे में देश में धर्म और परंपरा के नाम पर अलग नियमों को मानने की छूट है। समान नागरिक संहित संबंधी कोड संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत है जो यह कहता है कि राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को लागू करने का प्रयास करेगा। बता दें कि भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में सत्ता में आने पर समान नागरिक संहिता को लागू करने का वादा किया है। 

गांधी परिवार कांग्रेस का केंद्र: सलमान खुर्शीद

कांग्रेस पार्टी के भीतर की स्थिति और उसके भविष्य को लेकर सवाल पर खुर्शीद ने गांधी परिवार की तरफदारी करते हुए उन्हें कांग्रेस पार्टी और उसके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बताया। खुर्शीद ने कहा, 'भविष्य कोई नहीं जानता लेकिन वर्तमान वास्तविकता यह है कि कांग्रेस पार्टी की स्थिरता गांधी परिवार में हमारे विश्वास पर निर्भर है। हम यह कहने में संकोच नहीं करते कि आज गांधी परिवार कांग्रेस और उसके भविष्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।'

Web Title: Salman Khurshid asks clear definition of Uniform Civil Code from government

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