लंबित वेतनः अदालत ने कहा- डीयू शिक्षकों को यूं ही परेशान होते हुए नहीं छोड़ा जा सकता

By भाषा | Updated: November 2, 2020 18:08 IST2020-11-02T18:08:16+5:302020-11-02T18:08:16+5:30

Salary Pending: Court said- DU teachers cannot be left without any problem | लंबित वेतनः अदालत ने कहा- डीयू शिक्षकों को यूं ही परेशान होते हुए नहीं छोड़ा जा सकता

लंबित वेतनः अदालत ने कहा- डीयू शिक्षकों को यूं ही परेशान होते हुए नहीं छोड़ा जा सकता

नयी दिल्ली, दो नवंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि आप सरकार और दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के बीच आरोप-प्रत्यारोप में शिक्षकों को पिसने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता है । अदालत ने छात्र सोसायटी निधि से कर्मियों के बकाये वेतन के भुगतान के निर्णय को चुनौती देने वाली एक अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह बात कही।

उच्च न्यायालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) को इस याचिका में कॉलेजों को पक्ष बनाने को कहा है। डूसू ने दिल्ली सरकार के 16 अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी है जिसमें सरकार द्वारा पूर्ण वित्तपोषित 12 महाविद्यालयों को 1500 से अधिक अध्यापकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मियों की तनख्वाह का भुगतान करने कहा गया था।

अदालत ने यह भी कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय अपने सभी कॉलेजों का अभिभावक है तथा चीजें दुरूस्त रखना और मुद्दों का समाधान करना विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी है।

न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने सवाल किया कि संबंधित कॉलेजों को इस याचिका में पक्षकार क्यों नहीं बनाया गया है और कहा कि जब उन्हें इस अर्जी में प्रतिवादी बनाया जाएगा तब वह मामले की सुनवाई करेंगी।

सिंह ने कहा कि कॉलेजों को पक्षकार बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इस आरोप-प्रत्यारोप के खेल में शिक्षकों को परेशान होते हुए नहीं छोड़ा जा सकता।

न्यायालय ने कहा कि कॉलेजों की गैर मौजूदगी में कोई आदेश जारी करना सही नहीं होगा।

दिल्ली सरकार के वकील ने अदालत से कहा कि उच्च न्यायालय की एक समन्वय पीठ ने 23 अक्टूबर को उस फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें डीयू के 12 कॉलेजों को छात्र निधि से कर्मियों के बकाये वेतन का भुगतान करने को कहा गया था।

उन्होंने कहा कि कॉलेज अवश्य ही इस अर्जी में पक्षकार हैं और याचिकाकर्ता ने उन पर अभियोग नहीं चलाने का चुनाव किया, इसलिए अंतरिम स्थगन आदेश हटाया जाए।

उच्च न्यायालय ने कहा कि उसे दिल्ली सरकार के वकील की इस दलील में दम पाया है कि कॉलेजों को पक्षकार बनाया जाए लेकिन उसने इस चरण में कोई आदेश जारी करने से इनकार किया।

मामले की अगली सुनवाई पांच नवंबर को होगी।

Web Title: Salary Pending: Court said- DU teachers cannot be left without any problem

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