नई दिल्ली: राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामे में एक के बाद एक कई ट्विस्ट देखने को मिल रहा है। एक तरफ बुधवार को राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी (CP Joshi) ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी। वहीं, पायलट (Sachin Pilot) खेमे की ओर से कोर्ट में कैविएट दायर की गई है। उन्होंने आग्रह किया है कि कोर्ट में उनका पक्ष सुने बिना आदेश जारी ना करे। बता दें कि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी कांग्रेस के 19 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की कार्यवाही को 24 जुलाई तक टाले जाने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय पहुंचे।
यहां वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने न्यायालय से कहा कि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की याचिका जैसे मामलों का तत्काल उल्लेख करने के लिए एक तंत्र होना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने कपिल सिब्बल से कहा कि वह शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री के समक्ष राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने का मामला उठाए।
राजस्थान HC ने अयोग्यता नोटिस पर कार्रवाई 24 जुलाई तक टालने का आग्रह किया
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने पार्टी व्हिप की अवज्ञा करने को लेकर विधायकों को राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने के लिये विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत कर रखी है। इसी शिकायत पर अध्यक्ष ने बागी विधायकों को नोटिस जारी किए थे।
हालांकि, पायलट खेमे की दलील है कि पार्टी का व्हिप तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष को दी गई अपनी शिकायत में पायलट और अन्य असंतुष्ट विधायकों के खिलाफ संविधान की 10वीं अनुसूची के पैराग्राफ 2(1)(ए) के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को उप मुख्यमंत्री पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जा चुका है।
35 करोड़ का आरोप लगाने वाले कांग्रेस MLA को सचिन पायलट ने भेजा कानूनी नोटिस
कांग्रेस बागी सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा (Giriraj singh Malinga) को कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में उन्होंने गिरिराज से माफी मांगने और एक रुपये की राशि देने की मांग की है। साथ ही कहा है कि अगर सात दिनों में माफी नहीं मांगी तो सिविल और आपराधिक मानहानि का माला करेंगे।
पायलट ने अपने वकील के जरिए गिरिराज सिंह मलिंग से लिखित में माफी मांगने और एक रुपये की राशि देने की मांग की है। नोटिस में कहा गया है कि नोटिस जारी होने के सात दिन के अंदर प्रेस के सामने लिखित में माफी नहीं मांगी तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।