आंध्र प्रदेश से पंबा पहुंची दस युवतियों को नहीं मिली सबरीमला जाने की इजाजत
By भाषा | Published: November 16, 2019 10:36 PM2019-11-16T22:36:08+5:302019-11-16T22:36:08+5:30
पिछले साल राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर 2018 के निर्णय को लागू करने का फैसला लिया था जिसमें मंदिर में सभी आयु की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी गयी थी।
भगवान अयप्पा मंदिर में पूजा के लिए शनिवार को आंध्र प्रदेश से पंबा पहुंची दस युवतियों को वापस भेज दिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। दस से 50 वर्ष आयुवर्ग की महिलाएं विजयवाड़ा से आए समूह की सदस्य थीं। पुलिस ने कहा, “पंबा पहुंचने के बाद पुलिस ने उनके पहचान पत्र की जांच में पाया कि वे प्रतिबंधित आयु वर्ग से थी। उन्हें सबरीमला की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया गया। वे आगे नहीं गयीं।”
पंबा बेस कैंप सबरीमला के नीचे मंदिर से पांच किलोमीटर दूर स्थित है। भगवान अयप्पा मंदिर को दो महीने तक चलने वाले उत्सव के लिए शाम को खोला गया है।
पिछले साल राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर 2018 के निर्णय को लागू करने का फैसला लिया था जिसमें मंदिर में सभी आयु की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी गयी थी।
इसका बड़े स्तर पर विरोध किया गया था। इस साल अदालत ने अपने निर्णय पर रोक नहीं लगायी है और मामला बड़ी पीठ को सौंपने का निर्णय लिया है।
देवस्वओम बोर्ड मंत्री ने साफ़ कहा है कि मंदिर आंदोलन का स्थान नहीं है और सरकार उन महिलाओं को प्रोत्साहित नहीं करेगी जो प्रसिद्धि पाने के लिए मंदिर के भीतर जाना चाहती हैं।