टीएमसी नेता सायनी घोष को जमानत, आखिर जानें क्या है मामला
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 22, 2021 07:34 PM2021-11-22T19:34:00+5:302021-11-22T19:35:03+5:30
तृणमूल कांग्रेस की नेता सायनी घोष को पश्चिम त्रिपुरा जिले में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सोमवार को जमानत दे दी।
अगरतलाः पश्चिम बंगाल तृणमूल युवा कांग्रेस अध्यक्ष सायनी घोष को सोमवार को जमानत दे दी गई। उसे रविवार को त्रिपुरा के अगरतला से हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसने शनिवार की रात "खेला होबे" चिल्लाकर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की एक बैठक को कथित रूप से बाधित कर दिया था।
पश्चिम त्रिपुरा में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने जमानत दी थी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि भाजपा के एक कार्यकर्ता ने शिकायत दर्ज कराई कि शनिवार की रात जब मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब सड़क किनारे सभा को संबोधित कर रहे थे तो घोष ने 'खेला होबे' के नारे लगाए। "खेला होबे" इस साल मार्च-अप्रैल में हुए पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी द्वारा इस्तेमाल किया गया एक नारा है।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि पूर्वी अगरतला महिला पुलिस थाने के बाहर भाजपा समर्थकों ने उनके कार्यकर्ताओं के साथ भी मारपीट की। इस बीच, टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को अगरतला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। अदालत ने उन्हें 20,000 रुपये का जमानत बांड भरने के लिए भी कहा।
उन्होंने दावा किया कि त्रिपुरा में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। उन्होंने कहा, "अगर मतदाता स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं, जिसकी मौजूदा स्थिति को देखते हुए काफी कम संभावना है, तो भाजपा अपना खाता (अगले विधानसभा चुनावों में) खोलने में विफल हो जाएगी।"
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) महासचिव अभिषेक बनर्जी नगर निकाय चुनावों के लिए प्रचार करने के मकसद से पहुंचे। इससे पहले, बनर्जी के आगमन से ठीक पहले अगरतला हवाई अड्डे पर एक संदिग्ध थैला मिला। बाद में उसे वहां से हटा दिया गया। बनर्जी बनर्जी ने तृणमूल समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं पर यहां रविवार को एक पुलिस थाने में ‘‘हमला किए जाने’’ की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बुरी तरह चरमरा गई है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के गुंडों ने जिस प्रकार पुलिस थाने में हमारे समर्थकों एवं कार्यकर्ताओं पर हमला किया, उससे यही साबित होता है कि राज्य में जंगल राज है। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा तुच्छ राजनीतिक हितों के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन यह लंबे समय तक जारी नहीं रहेगा। हम उनका मुकाबला करेंगे... बिप्लब देब के नेतृत्व वाली सरकार तृणमूल कांग्रेस को चुप नहीं करा पाएगी।’’ त्रिपुरा पुलिस ने घोष को लोगों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और हत्या के प्रयास के आरोपों में रविवार को गिरफ्तार किया था।