रूस से S-400 मिसाइल सौदा करेंगी निर्मला सीतारमण, दुश्मन नहीं भेद पाएंगे भारत की सीमाएं
By आदित्य द्विवेदी | Published: March 5, 2018 09:02 AM2018-03-05T09:02:14+5:302018-03-05T09:02:14+5:30
S-400 missile Deal: करीब 40 हजार करोड़ रुपये की एस-400 मिसाइल डील मोल-भाव को लेकर पिछले डेढ़ साल से अटकी हुई है।
भारतीय सेना को अधिक सुरक्षा और ताकत देने के उद्देश्य से रूस के साथ एस-400 सिस्टम मिसाइल का सौदा जल्द हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण अगले महीने रूस की यात्रा पर जा रही हैं। इस यात्रा में पिछले डेढ़ साल से अटकी एस-400 ट्रायंफ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम सौदे पर जोर होगा। दरअसल, यह सौदा पैसे के मोल-भाव को लेकर पिछले डेढ़ साल से अटका हुआ है। भारत के पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान लगातार अपनी सीमा पर सैन्य ताकत बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में भारतीय वायुसेना को एस-400 सिस्टम मिल जाने से भारत की सीमाएं पहले से ज्यादा सुरक्षित हो जाएंगी।
एस-400 ट्रायंफ मिसाइल सौदे से जुड़ी खास बातें
- भारत और रूस के बीच एस-400 ट्रायंफ मिसाइल सिस्टम खरीद का करार 2016 में ही हुआ था। पैसे के मोल-भाव को लेकर बात अटकी हुई थी। यह सौदा करीब 40 हजार करोड़ रुपये का है।
- सबसे पहले चीन ने 2014 में रूस के साथ इसका सौदा किया था। चीन में एस-400 मिसाइल की डिलिवरी भी होनी शुरू हो चुकी है।
- एस-400 मिसाइल एक विकसित संस्करण है जो मिसाइल और ड्रोन हमले को कुछ सेकेंड में नष्ट कर सकता है। करीब 400 किमी के दायरे में आने वाले लड़ाकू विमानों के लिए किसी काल से कम नहीं है एस-400 मिसाइल सिस्टम।
- एस-400 को रूस से सबसे आधुनिक लंबी दूरी के जमीन से हवा में मार करने वाले रक्षा सिस्टम में गिना जाता है।
- निर्मला सीतारमण की मॉस्को यात्रा में कम से कम पांच एस-400 मिसाइल का सौदा हो सकता है।
इस मिसाइल सिस्टम को अल्माज-एंटी नाम की कंपनी बना रही है जो रूस की रक्षा सेवा के साथ 2007 से कार्यरत है। सूत्रों के मुताबिक इस सौदे के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई गई थी जिसने सरकार को अपने सुझाव सौंपे थे। निर्मला सीतारमण मॉस्को की यात्रा में इस सौदे पर अंतिम मुहर लगा सकती हैं।
* Agency Inputs