नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में अब नियम में बदलाव करते हुए कहा कि, अब आयकर सरकार के द्वारा नहीं बल्कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों को खुद भरना होगा। इस बात की जानकारी खुद प्रदेश के मुखिया मोहन यादव ने दी है। राज्य में अभी तक सरकार मंत्रियों और मुख्यमंत्री का इनकम टैक्स भरती थी। इस फैसले से अब शासन पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
साल 1972 में मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार द्वारा भरने का नियम बना था। अब 52 साल बाद मोहन सरकार ने इसको बदल दिया है। आज कैबिनेट में सभी मंत्रियों की सहमति से यह फैसला लिया गया है।
कैबिनेट बैठक पर मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा, "आज कई ऐसे फैसले लिए गए, जिनका राज्य में दीर्घकालिक प्रभाव होगा। सभी मंत्री आयकर खर्च वहन करेंगे। राज्य सरकार यह खर्च वहन नहीं करेगी"।
यही नहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि 1972 के एक नियमानुसार मंत्रियों और संसदीय सचिवों तक के इनकम टैक्स का व्यय राज्य सरकार जमा करती थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 से 2024 के लिए मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष समेत 35 जनप्रतिनिधियों का 79 लाख से ज्यादा का आयकर प्रदेश की सरकार ने जमा किया था। पिछले 5 साल में मंत्रियों के आयकर पर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए सरकार के खर्च हुए हैं।
सरकार के करोड़ों रुपए अब तक खर्च होते थेदरअसल, हर साल मुख्यमंत्री और मंत्रियों के इनकम टैक्स भरने में सरकार के करोड़ों रुपए खर्च होते थे। इस फैसले के बाद सरकारी खाते में राशि की बचत होगी। CM मोहन यादव ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि कैबिनेट की बैठक में कई सारे निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रगति को लेकर अहम फैसले हुए हैं। मोहन यादव ने कहा कि अब हमारे सारे मंत्रीगण अपने-अपने इनकम टैक्स खुद ही भरेंगे।