राज्यसभा में महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी को 'हिरासत' में लिये जाने पर हुआ हंगामा, कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित
By भाषा | Published: August 9, 2023 12:28 PM2023-08-09T12:28:50+5:302023-08-09T12:35:07+5:30
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने आज कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही समय के बाद उस समय हंगामा शुरू कर दिया, जब उन्हें इस बात की सूचना मिली कि महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की बरसी पर कथित रूप से हिरासत में लिया गया है।
नयी दिल्ली: राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने आज कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही समय के बाद उस समय हंगामा शुरू कर दिया, जब उन्हें इस बात की सूचना मिली कि महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की बरसी पर कथित रूप से हिरासत में लिया गया है। विपक्षी दल इस खबर को लेकर सदन में शोर-शराबा करने लगे, जिसके कारण राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा सदन के पटल पर आवश्यक दस्तावेज रखवाए जाने के बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष की ओर से इस मुद्दे को उठाया और सरकार से इस विषय में स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा। इसके बाद विपक्षी सदस्य इस मुद्दे को लेकर उग्र नारेबाजी करने लगे, जिसके कारण राज्यसभा को सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया।
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज जब इस सदन में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है, वहीं सुबह तुषार गांधी को ‘गिरफ्तार’ कर लिया गया है। कांग्रेस प्रमुख खड़गे ने कहा, ‘‘तुषार गांधी को अगर गिरफ्तार किया जाता है तो मैं समझता हूं...।’’ इस बीच मल्लिकार्जुन खड़गे को बीच में ही टोकते हुए सभापति ने उनके द्वारा इस मुद्दे को उठाने पर आपत्ति जताई।
इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने खड़गे का समर्तन करते हुए सदन में हंगामा शुरु कर दिया जिसके बाद सभापति ने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर सदन ने ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके सम्मान में कुछ देर मौन रखा।
मालूम हो कि तुषार गांधी ने आज सुबह दावा किया कि जब वो आज सुबह ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की बरसी मनाने के लिए निकले थे तो सांताक्रूज पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘आजाद भारत के इतिहास में पहली बार मुझे हिरासत में लिया गया है। मैं नौ अगस्त को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की बरसी मनाने के लिए घर से बाहर निकला था और सांताक्रूज पुलिस स्टेशन में हिरासत में ले लिया गया।’’
तुषार गांधी ने कहा, ‘‘मुझे अपने दादा-दादी महात्मा गांधी और बा पर गर्व है, जिन्हें इसी ऐतिहासिक तारीख पर अंग्रेजों ने हिरासत में लिया था।’’