संघ विजयादशमी उत्सव में भागवत का पीएम मोदी को संदेश- राम मंदिर निर्माण पर बने कानून, सबरीमाला पर कही ये बात
By पल्लवी कुमारी | Published: October 18, 2018 10:52 AM2018-10-18T10:52:54+5:302018-10-18T12:23:07+5:30
RSS VijayaDashami: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी से पहले राष्ट्र नागपुर से देश के नाम संबोधन किया। कार्यक्रम में नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी से पहले अपने संबोधन में कहा, सशस्त्र बलों को सशक्त बनाने और पड़ोसियों के साथ शांति स्थापित करने के बीच संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। अपने संबोधन में उन्होंने महात्मा गांधी और नानक की सीख का जिक्र करते हुए भारतीय सेना को और मजबूत बनाने की बात कही। इस संबोधन समारोह में मंच पर केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी भी शामिल थे। ये कार्यक्रम नागपुर में आयोजित की गई है। विजयादशमी उत्सव में नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
RSS VijayaDashami Live updates: विजयदशमी उत्सव में संघ का देश को संबोधन
- मोहन भागवत ने सबरीमाला मुद्दे पर कहा, स्त्री पुरुष समानता अच्छी बात है, लेकिन इतने सालों से चली आ रही परंपरा और उसका पालन करने वालों लोगों की भावना का सम्मान नहीं किया गया, उनकी नहीं सुनी गई।
- भागवत ने केन्द्र सरकार को सलाह देते हुए कहा- राम मंदिर का बनना गौरव की दृष्टि से आवश्यक है, मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा।
- मोहन भागवत इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग की है।
-मोहन भागवत ने कहा- रक्षा उत्पादन में पूर्ण-आत्मनिर्भरता के बगैर भारत अपनी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त नहीं हो सकता है।
This tradition had been there for so long & was being followed. Those who filed petitions against it are not the one who will go to temple. A large section of women follow this practice. Their sentiments were not considered: RSS Chief Mohan Bhagwat on #SabarimalaTemple issue pic.twitter.com/lY0ig5yJu4
— ANI (@ANI) October 18, 2018
- पाकिस्तान का नाम लिए बिना भागवत ने कहा कि (वहां) नई सरकार आने के बावजूद सीमा पर हमले बंद नहीं हुए हैं। ऐसे में भारत को कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत नहीं है।
Nagpur: Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) Chief Mohan Bhagwat and Union Minister Nitin Gadkari at RSS Vijayadashami Utsav. #Maharashtrapic.twitter.com/uPhj0eNJnD
— ANI (@ANI) October 18, 2018
- एससी-एसटी वर्ग से आने वाले समाज के वंचित समूह, प्रताड़ित लोगों को मजबूत करने की जरूत है। अनुसूचित जाति व जनजाति वर्गों के लिए बनी हुई योजनाएँ, उपयोजनाएँ व कई प्रकार के प्रावधान समय पर तथा ठीक से लागू करना इस बारे में केन्द्र व राज्य शासनों को अधिक तत्परता व संवेदना का परिचय देने की व अधिक पारदर्शिता बरतने की आवश्यकता है - मोहन भागवत
Since its inception, RSS has refrained from politics. But Swayamsevaks across the country, should fulfil their duty as citizens and stand in favour of putting their strength behind the overall national good. This is an essential task in the national interest #RSSVijayaDashami
— RSS (@RSSorg) October 18, 2018
- सोशल मीडिया पर इस पर चिंता जताते हुए मोहन भागवत ने कहा कि सोशल मीडिया पर लोग कुछ भी प्रचार कर रहा है और उसका कंटेंट पाकिस्तान, इटली, अमेरिका से आ रहा है।
- भारत की विदेश नीति हमेशा शांति, सहिष्णुता और सरकारों से निरपेक्ष मित्रवत संबंधों की रही है।- मोहन भागवत।
यह वर्ष श्रीगुरुनानक देवजी के प्रकाश का 550वाँ वर्ष है. उन्होंने अपने जीवन की ज्योति जलाकर समाजको अध्यात्म के युगानुकूल आचरण से आत्मोद्धार का नया मार्ग दिखाया, समाजको एकात्मता व नवचैतन्य का संजीवन दिया. उसी परम्परा ने हमको दस गुरुओं की सुन्दर व तेजस्वी मालिका दी #RSSVijayaDashamipic.twitter.com/oB52bNd5Tv
— RSS (@RSSorg) October 18, 2018
- मोहन भागवत ने कहा- हमने दुनिया को संकट से बचाया है। 'बाबर के रूप में भयानक आक्रमण की आंधी आई थी, जिसके बाद गुरुनानक इस देश में आए। यह वर्ष श्रीगुरुनानक देवजी के प्रकाश का 550वाँ वर्ष है। उन्होंने अपने जीवन की ज्योति जलाकर समाजको अध्यात्म के युगानुकूल आचरण से आत्मोद्धार का नया मार्ग दिखाया, समाजको एकात्मता व नवचैतन्य का संजीवन दिया। उसी परम्परा ने हमको दस गुरुओं की सुन्दर व तेजस्वी मालिका दी।
- अपनी सेना तथा रक्षक बलों का नीति धैर्य बढ़ाना, उनको साधन-सम्पन्न बनाना, नयी तकनीक उपलब्ध कराना आदि बातों का प्रारम्भ होकर उनकी गति बढ़ रही है। दुनिया के देशों में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ने का यह भी एक कारण है- मोहन भागवत
- हमारी पहचान हिन्दू पहचान है जो हमें सबका आदर, सबका स्वीकार, सबका मेलमिलाप व सबका भला करना सिखाती है। इसलिए संघ हिन्दू समाज को संगठित व अजेय सामर्थ्य संपन्न बनाना चाहता है और इस कार्य को सम्पूर्ण संपन्न करके रहेगा- मोहन भागवत
- देशवासियों से अपील की कि वे समाज में शहरी माओवाद और नव-वामपंथी तत्वों की गतिविधियों से सावधान रहें। - मोहन भागवत
- भागवत ने कहा- दृढ़ता से वन प्रदेशों में अथवा अन्य सुदूर क्षेत्रों में दबाए गए हिंसात्मक गतिविधियों के कर्ता-धर्ता एवं पृष्ठपोषण करने वाले अब शहरी माओवाद (अर्बन नक्सलिज्म) के पुरोधा बनकर राष्ट्रविरोधी आन्दोलनों में अग्रपंक्ति में दिखाई देते हैं।
-प्रकृति स्वभाव पर पक्का और स्थिर रहकर ही कोई देश उन्नत होता है, अंधानुकरण से नहीं।- मोहन भागवत
— RSS (@RSSorg) October 18, 2018