संघ की वार्षिक बैठक में मुलायम सिंह, शरद यादव, शांति भूषण और हीराबेन समेत 100 दिवंगत हस्तियों को दी गई श्रद्धांजलि
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 12, 2023 01:08 PM2023-03-12T13:08:22+5:302023-03-12T13:31:47+5:30
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक बैठक में न केवल मुलायम सिंह, शरद यादव और शांति भूषण बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी और अभिनेता सतीश कौशिक समेत कुल 100 दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई।
पानीपत: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित वार्षिक बैठक में समाजवादी पार्टी के दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव, समाजवादी नेता शरद यादव और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण को श्रद्धांजलि दी गई। हरियाणा के पानीपत स्थित समालखा में आरएसएस की शुरू हुई तीन दिवसीय वार्षिक आम बैठक में पिछले एक साल में दिवंगत हुए देश के प्रमुख नेताओं और हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
संघ की ओर दी गई श्रद्धांजलि में न केवल मुलायम सिंह, शरद यादव और शांति भूषण बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी और अभिनेता सतीश कौशिक समेत कुल 100 दिवंगत हस्तियों को याद किया गया। संघ के पहले सत्र की बैठक में संगठन के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने सभी हस्तियों के नाम पढ़े, जिन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।
संघ की बैठक में सामाजिक समरसता का माहौल बनाने, लोगों को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया गया। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मीडिया प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि तीन दिवसीय बैठक में संघ 2025 में आयोजित होने वाली अपनी स्थापना के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों और संगठन की विस्तार योजना की समीक्षा करेगा।
सुनील आंबेकर ने कहा था कि अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में संघ प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव दत्तात्रेय होसबोले सहित भाजपा और संघ के कुल 1400 से अधिक पदाधिकारी शामिल होंगे। जिसमें भाजपा की ओर से पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा और संगठन के महासचिव बीएल संतोष भी शामिल होंगे।
इसके साथ ही आंबेकर ने कहा कि इस बैठक में विश्व हिंदू परिषद सहित संघ से जुड़े अन्य 34 संगठनों के भी वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे। मीडिया प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि संघ की वार्षिक बैठक आयोजन करने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संगठन की ओर से निर्णय लेने वाली सर्वोच्च सभा है, जो केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को वैचारिक आधारशिला प्रदान करती है।
आंबेकर ने बीते शुक्रवार को इस संबंध में कहा था, “संघ की देश के कोने-कोने में लगने वाली शाखाएं वास्तव में समाज में बदलाव लाने और स्वयंसेवकों द्वारा किए गए अध्ययनों के आधार पर अलग-अलग क्षेत्रों में लिए काम करती हैं।”
उन्होंने कहा कि इस वार्षिक बैठक में पिछले कुछ वर्षों में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए सामाजिक अध्ययनों और उनके कार्यों पर व्यापक रूप से चर्चा होगी। अम्बेकर ने कहा, “बैठक में संघ कई सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर भी चर्चा करेगा ताकि देश में सामाजिक समरसता और सद्भाव का माहौल बनाया जाए और साथ ही नागरिकों को उनके नैतिक कर्तव्यों के पालन करने की दिशा में सकारात्मक पहल की जाएगी।”
आंबेकर ने कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 2025 में अपनी स्थापना के 100 साल पूरे करने जा रहा है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा अपनी शताब्दी वर्ष विस्तार योजना के तहत 2022-23 में संघ के कार्यों की समीक्षा होगी और 2023-24 के लिए लक्ष्यों का निर्धारण होगा।”