RSS कार्यक्रमः प्रणब मुखर्जी ने 'वंदे मातरम' से किया भाषण समाप्त, कहा-धर्म और भाषा में नहीं बंटा राष्ट्रवाद
By रामदीप मिश्रा | Published: June 7, 2018 07:17 AM2018-06-07T07:17:44+5:302018-06-07T20:45:21+5:30
मोहन भागवत ने कहा कि सरकार बहुत कुछ कर सकती है, लेकिन सब कुछ नहीं कर सकती। सामान्य समाज को जब तक जगाया नहीं गया तब तक देश की हालत ठीक नहीं होगी।
नागपुर, 7 जूनः पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी गुरुवार को महाराष्ट्र के नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में भाग लिया। बीते 25 दिन से चलने वाला यह प्रशिक्षण 7 जून को खत्म हो गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति व दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी रहे। प्रणब के कार्यक्रम में शिरकत करने से सियासी गलियारों में हलचल मच गई थी। कांग्रेस और आरएसएस एक-दूसरे के कट्टर विरोधी हैं। इसको लेकर दिग्गज कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम, जयराम रमेश, सीके जाफर शरीफ समेत 30 नेताओं प्रणब मुखर्जी से नागपुर ना जाने की अपील की थी, लेकिन प्रणब मुखर्जी ने इस पर 7 जून को जवाब देने को कहकर सबको चौंका दिया था। ऐसे में उनके संबोधन को लेकर लोगों में उत्सुकता बढ़ गई थी। पूरे कार्यक्रम का लाइव अपडेट पढ़ने के लिए पढ़ते रहिए www.lokmatnews.in-
RSS के नागपुर कार्यक्रम का Live Update-
-प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत से ज्यादा समय तक बोलने के लिए माफी चाहता हूं। इसके बाद उन्होंने वंदे मातरम बोलकर अपना भाषण समाप्त किया।
-प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'भारत की पहचान को भेदभाव और नफरत से खतरा है। ये राष्ट्रवाद किसी भाषा, रंग, धर्म, जाति आदि से प्रभावित नहीं होता है और जो हमारी 5000 पुरानी सभ्यता रही है उसको कोई भी विदेशी आक्रमणकारी और शासक खत्म नहीं कर पाया।'
-प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'असहिष्णुता से हमारी राष्ट्रीय पहचान धूमिल होती है। भारत विविधताओं से भरा देश है। देश के प्रति निष्ठा ही देशभक्ति है। यहां की राष्ट्रवाद की परिभाषा यूरोप से बिल्कुल अलग है और भारत पूरे विश्व में सुख शान्ति चाहता है और यह पूरे विश्व को परिवार मानता है।'
-प्रणब मुखर्जी ने कहा, 'इस बात को सभी ने माना है कि हिंदू एक उदार धर्म है। ह्वेनसांग और फाह्यान द्वारा भी हिंदू धर्म की बात कही गई है। राष्ट्रवाद किसी भी देश की पहचना है और भारत के दरवाजे सबके लिए खुले हुए हैं।'
-प्रणब मुखर्जी आरएसएस के स्वयं सेवको को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर बोलने आया हूं। उन्होंने कहा कि देश के प्रति समर्पण ही देशभक्ति है।
-आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'स्थापना के बाद विभिन्न दिक्कतों के बाद भी संघ आगे बढ़ता गया, अब संघ लोकप्रिय है। जहां जाते हैं, हमें स्नेह मिलता है। यह लोकतांत्रिक विचारों वाला संगठन है। इसका काम लोगों को जोड़ना है। संगठित समाज देश को बदल सकता है और सब विविधिताओं का सम्मान करते हुए सनातन परंपरा को बल देने का काम करना चाहिए।'
-सरकार बहुत कुछ कर सकती है, लेकिन सब कुछ नहीं कर सकती। सामान्य समाज को जब तक जगाया नहीं गया तब तक देश की हालत ठीक नहीं होगीः मोहन भागवत
-1911 से प्रयोग करते हुए डॉक्टर हेडगेवार ने 1925 में संघ की स्थापना की। स्वतंत्रता से पहले सभी महापुरुषों को स्वतंत्रता की चिंता थीः मोहन भागवत
-आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा, 'डॉ. प्रणब मुखर्जी को हमने सहज रूप से आमंत्रण दिया और उन्होंने हमारा स्नेह पहचानकर सहमति दी। उनको कैसे बुलाया और वह कैसे जा रहे हैं ये चर्चा निरर्थक है।'
Dr Pranab Mukherjee ko humne sehej roop se amantran diya aur unhone humara sneh pehchan kar unhone sahmiti di. Unko kaise bulaya aur woh kaise ja rahe hain yeh charcha nirarthak hai: RSS Chief Mohan Bhagwat pic.twitter.com/5pkT4bmyvX
— ANI (@ANI) June 7, 2018
--आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'डॉक्टर हेडगेवार को अपने लिए कुछ करने की जरूरत नहीं थी। वो कांग्रेस के कार्यकर्ता भी रहे और जेल भी गए। इस राष्ट्र को अनेक महापुरुषों ने खड़ा किया। इसके लिए पसीना बहाया। उनके मत अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद हम सभी भारत माता की संतान हैं।'
-RSS प्रमुख मोहन भागवत ने प्रणब मुखर्जी के न्योते को लेकर कहा कि हमारे लिए कोई पराया नहीं है। प्रमुख व्यक्तियों को बुलाने हमारी परंपरा रही है। विविधता में एकता हमारी पहचान रही है। भारत में जन्मा हर व्यक्ति भारत माता का पुत्र है।
-यहां देखिए RSS के RSS के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी का भाषण
#WATCH Former President Dr Pranab Mukherjee speaking at RSS's Tritiya Varsh event, in Nagpur https://t.co/REkQkhbYLG
— ANI (@ANI) June 7, 2018
-RSS के कार्यक्रम में पहुंचे प्रणब मुखर्जी, कुछ ही देर में करेंगे स्वयं सेवकों को संबोधित
Former President Dr Pranab Mukherjee at Rashtriya Swayamsevak Sangh's (RSS) Tritiya Varsh event, in Nagpur. pic.twitter.com/V0f2oHG8vA
— ANI (@ANI) June 7, 2018
-हेडगेवार को भारत माता का सपूत बताने को लेकर हुसैन दलवाई ने प्रणब मुखर्जी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, 'उनके (प्रणब मुखर्जी) प्रति बड़ा आदर था, शायग उम्र की वजह से जाते-जाते कुछ गलत बात कर दूं ऐसा लगा होगा उनको।'
Unke (Dr Pranab Mukherjee) prati bada aadar tha, shayad umar ki wajah se jaate jaate kuch galat baat kardun aisa laga hoga unko: Hussain Dalwai, Congress on Dr Pranab Mukherjee hailing KB Hedgewar as 'great son of Mother India' pic.twitter.com/YWCTWqaNNT
— ANI (@ANI) June 7, 2018
-पीटीआई के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रणब मुखर्जी द्वारा हेडगेवार को श्रद्धांजलि देने से जुड़ी यह यात्रा उनके निर्धारित कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थी और पूर्व राष्ट्रपति ने अचानक ऐसा करने का निर्णय लिया।सूत्रों ने बताया कि आरएसएस मुख्यालय में मुखर्जी का भागवत और सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी स्वागत करेंगे। वहां भी वह (पूर्व राष्ट्रपति) संघ के संस्थापक हेडगेवार की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। संघ मुख्यालय में मुखर्जी को संघ के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों से परिचय कराया जाएगा और वह प्रशिक्षण शिविर के समापन पर स्वयंसेवकों की परेड का निरीक्षण करेंगे।
-पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने हेडगेवार के घर की विजिटर बुक में लिखा, 'आज मैं यहां भारत माता के महान सपूत को श्रद्धांजलि देता हूं।'
'Today I came here to pay my respect and homage to a great son of Mother India': Former President Dr.Pranab Mukherjee's message in the visitor's book at RSS founder KB Hedgewar's birthplace in Nagpur pic.twitter.com/ax76NCzJMa
— ANI (@ANI) June 7, 2018
-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केबी हेडगेवार के जन्मस्थाल पर चर्चा करते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी औरसरसंघचालक मोहन भागवत।
#WATCH:Former President Pranab Mukherjee in conversation with Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) chief Mohan Bhagwat at RSS founder KB Hedgewar's birthplace in Nagpur. pic.twitter.com/PDXnP5H4lE
— ANI (@ANI) June 7, 2018
-नागपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केबी हेडगेवार के जन्मस्थाल पर पहुंचने पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का स्वागत किया गाय। उनका यह सरसंघचालक मोहन भागवत ने किया।
Nagpur: Former President Pranab Mukherjee arrives at Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) founder KB Hedgewar's birthplace, welcomed by RSS chief Mohan Bhagwat. pic.twitter.com/QY1QguMNDV
— ANI (@ANI) June 7, 2018
- प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में आने पर वीरभद्र सिंह ने भी असहमति जताई। नागपुर में जो भी होगा वह देशहित में नहीं होगा।
I'm sure that Pranab Mukherjee won't say anything in Nagpur which isn't in favour of the nation. In fact whatever he says will be in favour of country. I've no issues with him attending that event. He's free to go wherever he wants to: Virbhadra Singh Former Himachal Pradesh CM pic.twitter.com/Iwtj1dQB1d
— ANI (@ANI) June 7, 2018
- मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी भी पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस मुख्यालय जाने के फैसले से खफा हैं। कांग्रेस नेता और मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी भी अपने पिता के फैसले से असहमति जता चुकी हैं।
- कार्यक्रम बाद प्रणब मुखर्जी, मोहन भागवत के साथ डिनर करेंगे।
- आरएसएस मुख्यालय पहुंचने शुरू हुए पदाधिकारी, प्रचारक। संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह की तैयारियां पूरी।
- नागपुर के आरएसएस मुख्यालय में स्वयंसेवक पहुंचने हुए शुरू। कार्यालय में चहल-पहल बढ़ी।
-प्रणब मुखर्जी की बेटी शमिष्ठा मुखर्जी ने पिता के आरएसएस के कार्यक्रम शामिल होने के फैसले पर उठाया सवाल। कहा- बीजेपी आरएसएस उनके भाषण को भूल जाएंगे और तस्वीरों का गलत इस्तेमाल करेंगे।
- प्रणब मुखर्जी के बीजेपी ज्वाइन करने की खबरों पर बेटी शर्मिष्ठा ने कहा- पिता ने दिया अफवाह फैलाने का दिया मौका।
- नागपुर में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के साथ प्रणब मुखर्जी मंच साझा करेंगे।
- पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को ही नागपुर पहुंच गए।
- उनके साथ दिल्ली के संघचालक भी यहां आए।
- एयरपोर्ट पर प्रणब मुखर्जी के स्वागत के लिए भारी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद रहे।
- इस कार्यक्रम में करीब 708 स्वयंसेवक हिस्सा ले रहे हैं। इनमें संघ की विचारधारा से जुड़े डॉक्टर्स, आईटी एक्सपर्ट, इंजीनियर, पत्रकार, किसान आदि शामिल हो रहे हैं।
- यह कार्यक्रम युवाओं का है। इसमें ज्यादातर लोग 25 से 30 साल के युवा शामिल हो रहे हैं।
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस मुख्यालय जाने के फैसले से नाराज हैं। कांग्रेस नेता और मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी भी अपने पिता के फैसले से असहमति जता चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि यह पहला मौका नहीं है जब संघ से कांग्रेस का कोई जुड़ाव सामने आया है। इससे पहले साल 1984 में इंदिरा गांधी की मौत के बाद संघ ने राजीव गांधी को समर्थन दिया था। बताया जाता है कि तब खुद राजीव गांधी ने संघ नेताओं से एक गुप्त मीटिंग की थी। उन्होंने आरएसएस प्रमुख बालासाहेब देवरस से मुलाकात की थी। इतना ही उन्होंने इस पूरे प्रक्रम देवरस के छोटे भाई भाऊराव देवरस के कई बार मुलाकातें की थीं।
इस बारे में प्रतिपक्ष पत्रिका में 25 नवंबर 1984 के अंक में नानाजी देशमुख का एक लेख मिलता है। बताया जाता है तब आरएसएस ने कांग्रेस को फायदा पहुंचाया था। इसके अलावा पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव पर भी संघ से नजदीकी रखने की बातें यदा-कदा सामने आती रही हैं।