छात्रों के भारी विरोध के बाद RRB NTPC परीक्षा रद्द, फेल हुए छात्रों की होगी सुनवाई
By विशाल कुमार | Published: January 26, 2022 09:42 AM2022-01-26T09:42:04+5:302022-01-26T10:06:59+5:30
रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा, 2021 परिणाम के विरोध में जारी छात्रों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को बिहार के अन्य हिस्सों में फैल गया था। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया जिससे राज्य में ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई।
नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने छात्रों के विरोध के मद्देनजर गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों और रेलवे भर्ती बोर्ड के स्तर 1 की परीक्षाओं पर रोक लगा दी है। उत्तीर्ण या अनुत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सुनवाई के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति रेल मंत्रालय को रिपोर्ट देगी।
इससे पहले छात्रों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए हाजीपुर रेलवे के CPRO (मुख्य जनसंपर्क अधिकारी) ने बयान जारी कर कहा था कि अगर ऐसी घटनाओं में किसी भी परीक्षार्थी की संलिप्तता पाई जाती है तो उन्हें नौकरी नहीं दी जाएगी।
बता दें कि, रेलवे भर्ती बोर्ड की गैर तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) परीक्षा, 2021 परिणाम के विरोध में जारी छात्रों का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को बिहार के अन्य हिस्सों में फैल गया था। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को कई स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया जिससे राज्य में ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई।
विरोध प्रदर्शन के कारण मंगलवार को कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया या वैकल्पिक मार्गों पर चलाया गया। छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के कारण पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) क्षेत्र से गुजरने वाली 25 से अधिक ट्रेनों के संचालन में बाधा उत्पन्न हुई जिससे यात्रियों को असुविधा हुई।
गौरतलब है कि विरोध-प्रदर्शन की घटनाएं पटना, नवादा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, बक्सर और भोजपुर जिलों से हुईं। कुछ जगहों पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया, सुरक्षा लों से भिड़ गए और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। सीतामढ़ी में रेलवे स्टेशन पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हवा में गोलियां चलायीं।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि 2019 में जारी आरआरबी अधिसूचना में केवल एक परीक्षा का उल्लेख किया गया था। उन्होंने अधिकारियों पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
परीक्षा परिणाम 15 जनवरी को घोषित होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ा है। उस समय रेल मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था जिसमें कहा गया था कि अधिसूचना में दूसरे चरण की परीक्षा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था। सीबीटी के पहले चरण की परीक्षा सभी उम्मीदवारों के लिए एक सामान्य परीक्षा थी।