'अग्निपथ' हिंसा में अहम थी कोचिंग संस्थानों की भूमिका, पुलिस को मिले पुख्ता सबूत, प्राथमिकी हुई दर्ज

By एस पी सिन्हा | Published: June 20, 2022 07:55 PM2022-06-20T19:55:58+5:302022-06-20T19:59:51+5:30

बिहार में अग्निपथ हिंसा में पुलिस ने अभी तक कुल 6 कोचिंग संस्थानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है जबकि कई अन्य की भूमिका की जांच की जा रही है। पुलिस के मुताबिक उनके पास हिंसा भड़काने के आरोप में दर्ज किये गये कोचिंग संस्थानों के खिलाफ काफी पुख्ता सबूत मिले हैं।

Role of coaching institutes was important in 'Agneepath' violence, police got strong evidence, FIR registered | 'अग्निपथ' हिंसा में अहम थी कोचिंग संस्थानों की भूमिका, पुलिस को मिले पुख्ता सबूत, प्राथमिकी हुई दर्ज

सांकेतिक तस्वीर

Highlightsबिहार पुलिस ने अग्निपथ हिंसा के मामले में कुल 6 कोचिंग संस्थाओं के खिलाफ केस दर्ज किया हैराज्य पुलिस को शुरू से शक था कि उपद्रवी छात्रों को भड़काने में कोचिंग संस्थाओं की भूमिका है इसके पहले भी रेलवे-एनटीपीसी परीक्षा में हुई हिंसा के मामले में कोचिंग संस्थाओं पर ऊंगली उठी थी

पटना: अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में हुए हिंसक बवाल में कोचिंग संस्थानों की अहम भूमिका अब खुलकर सामने आने लगी है। यही कारण है कि कानून व्यवस्था की समस्या पैदा करने के आरोप में अभी तक कुल 6 कोचिंग संस्थानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है जबकि कई अन्य की भूमिका की जांच की जा रही है।

राज्य में जो हिंसक प्रदर्शन हुआ उसके बाद प्रशासन यह मानकर चल रहा था कि कहीं न कहीं प्रदर्शनकारी और उपद्रवी छात्रों के पीछे कोचिंग संस्थानों की भूमिका हो सकती है।

इसके पहले रेलवे-एनटीपीसी परीक्षा के दौरान भी कोचिंग संस्थानों की भूमिका की जांच की गई थी। अभी तक जिन कोचिंग संस्थानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उसमें मसौढी में चार कोचिंग, मनेर में एक कोचिंग और दानापुर में एक कोचिंग शामिल है।

जिन कोचिंग संस्थानों पर केस दर्ज किया गया है, उनमें यथार्थ कोचिंग इंस्टीट्यूट, मसौढी डीडीएस कोचिंग इंस्टीट्यूट, मसौढी आरक्षण कोचिंग इंस्टीट्यूट, मसौढी आसरा कोचिंग इंस्टीट्यूट, मसौढी टार्गेट कोचिंग, मनेर, निरंजन कोचिंग, दानापुर शामिल हैं।

जबकि पटना के भी कुछ कोचिंग संस्थानों की भूमिका भी संदिग्ध मानी गई है, उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस की साइबर टीम की सोशल मीडिया पर पैनी नजर है। 20 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध लगने से हिंसा भड़काने वाले पोस्ट में कमी देखी गई है।

वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के साथ सोशल साइट पर डाले भ्रामक पोस्ट के आधार पर आसामाजिक तत्वों की पहचान की जा रही है। पटना के जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर सभी प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट, एसडीओ समेत सभी थाना प्रभारी चौकन्ना और सक्रिय हैं।

बताया जाता है जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने पटना जंक्शन का निरीक्षण किया और मंडल रेल प्रबंधक, दानापुर के साथ बैठक कर रेलगाड़ियों के परिचालन को जल्द सामान्य करने पर चर्चा की। जिलाधिकारी ने कहा कि विधि-व्यवस्था को लेकर प्रशासन द्वारा लगातार सतर्कता एवं चौकसी बरती जा रही है।

बिहार में अग्निपथ योजना को लेकर उत्पात मचाने वाले उपद्रवियों की पहचान शुरू कर दी गई है। पटना की पालीगंज पुलिस ने आंदोलन के नाम पर उत्पात मचाने वाले लोगों का पोस्टर जारी किया है। इस पोस्टर में 40 उपद्रवियों की फोटो मौजूद है।

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