रोहतासः 25 घंटे बाद  सोन पुल के पिलर और दीवार के बीच फंसे बच्चे को काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला, हालत खराब, एम्बुलेंस से सासाराम सदर अस्पताल भेजा

By एस पी सिन्हा | Published: June 8, 2023 06:17 PM2023-06-08T18:17:13+5:302023-06-08T18:19:24+5:30

नासरीगंज-दाऊदनगर सोन पुल के पिलर और दीवार के बीच एक 12 वर्षीय किशोर फंस गया है। बच्चा दो दिनों से लापता था। पिलर और दीवार के बीच फंसे होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

Rohtas After 25 hours child trapped pillar and wall Son bridge safely taken out lot effort condition worsened sent ambulance Sasaram Sadar Hospital | रोहतासः 25 घंटे बाद  सोन पुल के पिलर और दीवार के बीच फंसे बच्चे को काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाला, हालत खराब, एम्बुलेंस से सासाराम सदर अस्पताल भेजा

एसडीआरएफ की टीम को बुलाया, रेस्क्यू कर बच्चे को सुरक्षित निकाला गया।

Highlights 25 घंटे तक पिलर के बीच फंसे रहने से उसकी हालत खराब हो गई थी।एसडीआरएफ की टीम को बुलाया, रेस्क्यू कर बच्चे को सुरक्षित निकाला गया। खिरियाव गांव के रहने वाले भोला साह का 12 वर्षीय पुत्र रंजन कुमार मानसिक रूप से कमजोर है।

पटनाः बिहार के रोहतास जिले में करीब 25 घंटे बाद सोन पुल के पिलर और दीवार के बीच फंसे बच्चे को काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। बताया जा रहा है कि कल से ही 12 साल का बच्चा पुल के पिलर में फंसा हुआ था। 25 घंटे तक पिलर के बीच फंसे रहने से उसकी हालत खराब हो गई थी।

रेस्क्यू के बाद बच्चे को एम्बुलेंस से सासाराम सदर अस्पताल भेजा गया। बच्चे से पुल से निकाले जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है। बता दें कि नासरीगंज-दाऊदनगर सोन पुल के पिलर और दीवार के बीच एक 12 वर्षीय किशोर फंस गया है। यह बच्चा दो दिनों से लापता था। पिलर और दीवार के बीच फंसे होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

अधिकारियों की टीम ने पटना से एसडीआरएफ की टीम को बुलाया जिसके बाद रेस्क्यू कर बच्चे को सुरक्षित निकाला गया। एक फुट से भी कम चौड़े दरार में फंस जाने से बालक का शरीर आंशिक रूप से दिखाई दे रहा था। नासरीगंज के खिरियाव गांव के रहने वाले भोला साह का 12 वर्षीय पुत्र रंजन कुमार मानसिक रूप से कमजोर है।

वह दो दिनों से घर से लापता था। लेकिन अचानक पता चला कि वह पुल के बीच स्थित पिलर के नीचे फंसा हुआ है। कुछ लोगों ने जब बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो पुलिस को सूचना दिया। जिसके बाद स्थानीय स्तर पर प्रशासन की टीम की मदद से बच्चे को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला गया।

बच्चे की जान बचाने के लिए पटना से एसडीआरएफ की टीम बुलायी गई थी। दरार एक तरफ से खुली हुई है और दूसरी तरफ से बंद थी। बच्चे को ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए सिलिंडर और पाइप के सहारे पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन दरार के भीतर पहुंचायी जा रही थी। बांस-बल्ले की सीढ़ियों की मदद से बच्चे के समीप पहुंचने की कोशिश की गई, जिसमें प्रशासन की टीम को सफलता मिल गई।

Web Title: Rohtas After 25 hours child trapped pillar and wall Son bridge safely taken out lot effort condition worsened sent ambulance Sasaram Sadar Hospital

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