केंद्र सरकार का राज्य सरकारों को 5 निर्देश, कहा- रोहिंग्या देश के लिए खतरा, हर हाल में घुसपैठ रोको
By खबरीलाल जनार्दन | Published: June 4, 2018 09:20 AM2018-06-04T09:20:03+5:302018-06-04T09:20:03+5:30
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर समेत सभी राज्य सरकारों को रोहिंग्या को लेकर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
नई दिल्ली, 4 जूनः देश की केंद्र सरकार ने रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ को देश के लिए खतरा माना है। इतना ही नहीं राज्य सरकारों को 5 निर्देश जारी कर के रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ को हर हाल में रोकने को कहा है। केंद्र सरकार के अनुसार रोहिंग्या व दूसरे गैरकानूनी शरणार्थियों से देश की सुरक्षा में सेंध लगाया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर समेत सभी राज्य सरकारों को रोहिंग्या को लेकर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
रोहिंग्या मुसलमानों पर केंद्र सरकार का राज्य सरकारों को 5 निर्देश
1- सभी शरणार्थियों को चिन्हित जगहों पर रखा जाए। राज्य की पुलिस और सुरक्षा एजेंसी इनकी गतिविधियों पर नजर रखें।
2- सभी शरणार्थियों की पहचान होनी चाहिए। उनका नाम, जन्म-तिथि, जन्म स्थान, माता-पिता का नाम, किस देश से हैं सारी जानकारी होनी चाहिए।
3- गैरकानूनी रूप से देश में घुसे शरणार्थी की बायोमैट्रिक पहचान लेनी चाहिए, जिससे ये लोग आगे अपनी पहचान न बदल सकें। इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि इन लोगों का आधार कार्ड न बन पाए। जिससे भविष्य में ये भारतीय होने का दावा न कर सकें।
4- रोहिंग्या मुसलमानों की सभी जानकारी को विदेश मंत्रालय के जरिए म्यांमार सरकार के साथ साझा करनी है। सभी की नागरिकता का भी पता चलना चाहिए
5- इन्हें इनके देश वापस भेजने के दिशा में सक्रिय काम करें।
बवाना के कुछ लोगों को रिपोर्ट में ‘रोहिंग्या, बांग्लादेशी’ बताने वाले टीवी चैनल को डीएमसी का नोटिस
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) ने एक टीवी चैनल को नोटिस जारी किया है। उक्त चैनल ने एक रिपोर्ट प्रसारित की थी जिसमें उत्तरी दिल्ली के बवाना इलाके के कुछ स्थानीय लोगों को कथित तौर पर ‘‘रोहिंग्या ’’ और ‘‘बांग्लादेशी ’’ बताया गया था।
आयोग के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम खान ने बताया , ‘‘डीएमसी ने सुदर्शन टीवी को नोटिस जारी किया है जिसने अपनी रिपोर्ट में उत्तर दिल्ली के बवाना के निवासियों से संबंधित रिपोर्ट प्रसारित की थी। ’’
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उन्होंने बताया कि चैनल ने 11 मई को एक कार्यक्रम प्रसारित किया था जिसमें इन लोगों को ‘‘ बांग्लादेशी ’’ और ‘‘ रोहिंग्या ’’ बताया गया था जबकि ये भारतीय नागरिक हैं और इन्हें सरकारी एजेंसियों ने कई दशक पहले दिल्ली के विभिन्न इलाकों से लाकर यहां बसाया था।
चैनल के प्रबंध निदेशक से 12 जून तक जवाब देने को कहा गया है , साथ ही बवाना के निवासियों को ‘‘ बांग्लादेशी ’’ और ‘‘ रोहिंग्या ’’ बताने के पीछे सबूत देने को भी कहा गया है।
उन्होंने कहा , ‘‘ सबूत पेश नहीं करने की स्थिति में चैनल से कहा गया है कि वह बिना शर्त लिखित माफी मांगे और आयोग को सूचित करे कि उसने एक वर्ग विशेष के भारतीय नागरिकों के खिलाफ असंतोष फैलाने वाली यह झूठी खबर बनाने और प्रसारित करने वाले संवाददाता तथा कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है।
(भाषा के इनपुट से)