नीतीश कुमार के खिलाफ आग उगलने वाले राजद विधायक सुधाकर सिंह ने पार्टी को भेजा जवाब, जारी किया गया था कारण बताओ नोटिस
By एस पी सिन्हा | Published: January 31, 2023 09:45 PM2023-01-31T21:45:10+5:302023-01-31T21:45:10+5:30
राजद विधायक सुधाकर सिंह ने पार्टी की ओर से जारी की गई कारण बताओं नोटिस का जवाब भेज दिया है। सुधाकर सिंह ने हाल में नीतीश कुमार पर तल्ख टिप्पणियां की थी, इसके बाद से उनके खिलाफ पार्टी की ओर से नोटिस जारी किया गया था।
पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर सियासत को गर्माने वाले राजद विधायक व पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने अपनी पार्टी के कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। सुधाकर सिंह ने पांच पन्नों का जवाब राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी को भेज दिया है।
उन्होंने कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया है जिससे राजद को कोई नुकसान हो। सुधाकर सिंह ने हालांकि जवाब को लेकर ज्यादा जानकारी देने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ये उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है जिसे सर्वजनिक नही किया जा सकता है। अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इस पर फैसला लेंगे।
सूत्रों की मानें तो सुधाकर सिंह ने अपने जवाब में कहा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जो पार्टी लाइन के खिलाफ हो। वे तो पार्टी को मजबूत करने के लिए अभियान चला रहे हैं। पार्टी के अनुशासन के दायरे में रहकर ही वे गरीबों, किसानों के हित की बात कर रहे हैं।
सुधाकर सिंह ने पार्टी नेतृत्व को ये बताया कि वे बार-बार अपने भाषणों में इसका जिक्र कर रहे हैं कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री रहते कैसे गरीबों, पिछड़ों औऱ किसानों के हित में काम किया गया। ऐसे में उन पर अनुशासनहीनता का कोई मामला नहीं बनता है।
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार को लेकर टिप्पणी को लेकर राजद नेतृत्व ने पिछले 18 जनवरी को विधायक और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सुधाकर सिंह को नोटिस जारी करते हुए लिखा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव के संज्ञान में आया है कि एक बार फिर से आपने गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लघंन किया है। जबकि राजद के राष्ट्रीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि गठबंधन के मसलों और शामिल दलों के शीर्ष नेतृत्व के संदर्भ में सिर्फ राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव या उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही बात करने के लिए अधिकृत हैं।
नोटिस में कहा गया, 'इसके बावजूद आपने इस प्रस्ताव का उल्लघंन किया है। आप कृपया 15 दिनों के अंदर यह स्पष्टीकरण दें कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।'