राजद नेता शिवानंद तिवारी का प्रशांत किशोर पर हमला, बोले- "पीके की यात्रा का एकमात्र मकसद है नीतीश कुमार का विरोध'
By एस पी सिन्हा | Published: October 22, 2022 05:46 PM2022-10-22T17:46:37+5:302022-10-22T17:51:04+5:30
राजद नेता शिवानंद तिवारी ने आरोप लगाया है कि प्रशांत किशोर अपनी पदयात्रा के जरिये सूबे में नीतीश विरोधी माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
पटना: राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर जमकर हमला करते हुए उन्हें नीतीश कुमार का प्रबल विरोधी बताया है। दरअसल जन सुराज यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पलटी मारने की संभावना व्यक्त किये जाने के बाद सूबे का सियासी पारा काफी गरम चल रहा है।
पीके के बयान के बाद राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने पीके को खास मैसेज भेजने का दावा किया है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि जब दोनों पार्टियां मिल जाएंगी, तब बिहार झारखंड के 54 लोकसभा सीटों में से 50 सीटों पर जीत हासिल की जा सकती है।
शिवानंद तिवारी ने अपने फेसबुक पर प्रशांत किशोर को लेकर लंबा चौड़ा पोस्ट किया है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया को प्रशांत किशोर के व्हाट्सएप पर भेजने का दावा किया है। उन्होंने लिखा है कि प्रशांत किशोर की पद यात्रा का मकसद धीरे-धीरे साफ़ होता जा रहा है। बिहार की दोनों खेमों की राजनीति से अलग एक नई राजनीति की शुरुआत के मकसद से शुरू की गई यह पद यात्रा नीतीश विरोध की राजनीति में बदलती जा रही है।
तिवारी के अनुसार प्रशांत किशोर ने ये भी कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पहले और दूसरे स्थान पर आने वाली पार्टी की सरकार नहीं बनेगी बल्कि तीसरे स्थान पर हमारी पार्टी रहेगी और हमारी सरकार बनने की संभावना ज्यादा है। हालांकि प्रशांत किशोर ने ये नहीं बताया था कि 2024 में इस तरह का मैंडेट क्यों आएगा? लेकिन उन्होंने इशारों में ये जरूर बताया था कि हमारी सरकार बन जाएगी। नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बन जाएंगे तो लालू यादव का घोटाला वाला मामला भी रफा-दफा हो जाएगा।
उन्होंने आगे लिखा है कि प्रशांत जी से मैं दो मर्तबा मिला हूं उन्हीं की पहल पर। यह उन दिनों की बात है जब वे नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने का अभियान चला रहे थे। प्रधानमंत्री बनाने का उनका फ़ॉर्मूला अजीबोग़रीब था। उनका कहना था कि राजद और जदयू को मिल जाना चाहिए। दोनों मिल जाएंगे तो बिहार और झारखंड के 54 लोकसभा सीटों में से कम से कम 48-50 सीट पर जीत दर्ज कर सकते हैं।
शिवानंद तिवारी के अनुसार प्रशांत किशोर के इस यात्रा का एक मात्र मकसद नीतीश कुमार का विरोध है। नीतीश कुमार देश के अंदर की जा रही सांप्रदायिक विभाजनकारी राजनीति का विरोध कर रहे हैं। नीतीश कुमार का प्रशांत किशोर विरोध कर रहे हैं। इसका सीधा मतलब ये है कि प्रशांत किशोर की पदयात्रा गांधी के नाम पर उन लोगों की मदद करना है, जो देश में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं।