RJD नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने हार का जिम्मेदार तेजस्वी और तेजप्रताप यादव की लड़ाई को बताया, तेजप्रताप पर कार्रवाई की मांग
By एस पी सिन्हा | Published: May 28, 2019 04:56 PM2019-05-28T16:56:33+5:302019-05-28T16:56:33+5:30
राजद नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि तेजस्वी के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है. पार्टी लालू यादव के नाम से जानी जाती है. तेजस्वी के इस्तीफे से पार्टी ही खत्म हो जाएगी.
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद से राजद में तूफान से पहले वाला सन्नाटा नजर आ रहा है. इस बीच तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं कई लोग इस करारी शिकस्त के लिए लालू परिवार के भीतर मचे द्वंद्व को भी जिम्मेदार मान रहे हैं. स्थिती यह है कि हार के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव अकेले पड़ते दिख रहे हैं. लालू परिवार के खिलाफ बयानबाजी भी तेज है. यहां तक कि पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी हार का ठीकरा तेजस्वी यादव व तेजप्रताप यादव की लड़ाई पर फोड़ा है.
राजद के वरिष्ठ नेता नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव और बडे़ बेटे तेजप्रताप यादव के बीच के विवाद के कारण पार्टी को भारी नुकसान हुआ है. तेजप्रताप के विरुद्ध पार्टी को कार्रवाई करनी चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर होने वाली समीक्षा बैठक से पहले रघुवंश प्रसाद सिंह के ये तेवर बता रहे थे कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है. हार के कारणों की तलाश तो की जा रही है, लेकिन इस आड में खेमेबाजी की राजनीति भी शुरू हो गई है. पार्टी को लेकर उनके स्टैंड के खिलाफ दबी जुबान से ही सही कई नेता तेजप्रताप का विरोध कर चुके हैं.
तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर उठ रहे सवालों को राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने खारिज किया है
वैसे लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर उठ रहे सवालों को राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि किसी एक पर हार का ठीकरा फोडना ठीक नहीं है. उन्होंने इस बात को मानने से इनकार कर दिया है कि 'माय' समीकरण फेल हो गया है. रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि हम सब ने मिलकर चुनाव प्रचार किया था, लेकिन परिणाम हमारे पक्ष में नहीं. ऐसे में सिर्फ तेजस्वी पर आरोप मढना ठीक नहीं है. विधायक महेश्वर यादव के विरोध को उन्होंने गैर जरूरी बताते हुए कहा कि हम हार की वजह से तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. राजद नेता ने कहा कि समीक्षा बैठक में हार की वजहों पर चर्चा करेंगे. नतीजे हमारे पक्ष में नहीं आए. लिहाजा आगे प्रदर्शन बेहतर हो, इसके लिए तमाम लोग मेहनत करेंगे.
लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झांसे में आ गए हैं: रघुवंश सिंह
रघुवंश सिंह ने कहा कि सवर्ण आरक्षण पर हमारा विरोध ठीक नहीं था. उन्होंने दावा किया कि गरीब सवर्णों को आरक्षण देना हमारे एजेंडे में शामिल था, बावजूद इसके राज्यसभा में इसकी मुखालफत हमें भारी पड़ा. उन्होंने कहा कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झांसे में आ गए, इसिलिए एनडीए को इतनी सीटें आईं. हालांकि उन्होंने कहा कि वे चुनाव जरूर हार गए हैं, मगर जनता की समस्याओं को लेकर हमारा जन-आंदोलन जारी रहेगा. वैशाली लोकसभा सीट पर एलजेपी उम्मीदवार वीणा देवी ने राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह को 2,34,584 वोटों से हराया. वीणा देवी को 5,68,215 वोट और रघुवंश प्रसाद सिंह को 3,33,631 वोट मिले.
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पार्टी विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने राजद लालू प्रसाद यादव की अनुपस्थिति में नेतृत्व करने वाले तेजस्वी यादव से नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा तक मांगा है.
उधर, जहानाबाद के पार्टी प्रत्याशी रहे सुरेंद्र यादव ने अपनी हार के लिए खुलकर लालू के बड़े लाल तेजप्रताप यादव को जिम्मेदार बताया है.
वहीं, हार के बाद इधर पार्टी संकट में है तो उधर चारा घोटाले के मामलों में सजा काट रहे राजद प्रमुख फिलहाल रांची के रिम्स (अस्पताल) में भर्ती हैं. उनकी तबीयत ठीक नहीं है. लोकसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद उनकी तबीयत भी खराब होने की सूचना मिली थी. उन्होंने खाना-पीना छोड दिया था. हालांकि, अब उनकी स्थिति में सुधार की बात कही जा रही है. खास बात यह है कि चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद लालू प्रसाद यादव अकेले पड़ते दिख रहे हैं. हार के बाद उनसे मुलाकात करने कोई भी बड़ा नेता नहीं गया है. परिवार का भी कोई सदस्य उनसे मिलने नहीं गया है.
तेजस्वी इस्तीफा नहीं देते हैं तो पार्टी में टूट होगी
ऐसे में जनकारों का मानना है कि इसतरह से यह स्पष्ट है कि पार्टी में नेतृत्व के प्रति असंतोष जाहिर हो चुका है. रघुवंश प्रसाद सिंह का तेजस्वी व तेजप्रताप को लेकर बयान गहरे मायने रखता है. विधायक महेश्वर यादव द्वारा तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करने का सीधा अर्थ लालू के उन्हें अपनी अनुपस्थिति में नेतृत्व सौंपने के फैसले पर सवाल उठाना है. उपर से उन्होंने यह धमकी भी दी है कि अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देते हैं तो पार्टी में टूट होगी. उन्होंने पार्टी की कमान किसी सीनियर नेता के हाथों में सौंपने की बात कही है.
हालांकि, पार्टी में उठे विरोध के सुर के बीच तेजस्वी के पक्ष में भी गोलबंदी है. राजद नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि तेजस्वी के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता है. पार्टी लालू यादव के नाम से जानी जाती है. तेजस्वी के इस्तीफे से पार्टी ही खत्म हो जाएगी.
बहरहाल, एक बात साफ है कि पार्टी में वह पहले वाली बात नहीं दिख रही है. विरोध के सुर फूट पडे़ हैं. ऐसे में हार के बाद से लालू परेशान हैं. जेल में बेबस अकेले पड़ गए लालू की चिंता पार्टी के भविष्य को लेकर है. यहां बता दें कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को दो सीटों पर तेजप्रताप यादव के कारण हार का सामना करना पड़ा है. ये सीटें जहानाबाद और शिवहर हैं. हालांकि शिवहर सीट से उनके प्रत्याशी अंगेश कुमार सिंह का नामांकन रद्द हो गया था, लेकिन जहानाबाद सीट पर हराने में तेजप्रताप का फैक्टर पूरी तरह से काम कर गया था.