बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी से मिले लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप, बंद कमरे में 30 मिनट बात, जानें मामला
By एस पी सिन्हा | Published: June 11, 2021 06:53 PM2021-06-11T18:53:45+5:302021-06-11T18:55:16+5:30
पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बडे़ बेटे तेज प्रताप यादव के बीच मुलाकात के बाद सियासी हलचल तेज हो गई. कई तरह के कयास भी लगाये जा रहे हैं.
पटनाः बिहार में आज सियासत उस वक्त गर्मा गई, जब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बडे़ बेटे तेज प्रताप यादव राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से मिलने उनके आवास पर पहुंच गये.
इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई. ऐसे में मांझी और तेज प्रताप के बीच मुलाकात के बाद सियासी हलचल तेज हो गई. कई तरह के कयास भी लगाये जा रहे हैं. इस मुलाकात के बाद मीडिया के एक सवाल पर बातचीत का मजमून बताने से तेज प्रताप ने इनकार किया, लेकिन इतना कहा कि मांझी के लिए राजद का दरवाजा खुला है.
मांझी और तेजप्रताप ने कुछ भी कहने से किया इनकार
एनडीए में रहते हुए लगातार मांझी के भाजपा के खिलाफ आ रहे बयानों को देखते हुए मुलाकात राजनीति के लिए नई करवट मानी जा रही है. हालांकि मांझी और तेजप्रताप इससे इनकार कर रहे हैं. पत्रकारों से बातचीत करते हुए जीतनराम मांझी ने कहा कि आज राजद प्रमुख लालू यादव का जन्मदिन है. मैंने उन्हें ट्वीट के बाद फोन पर भी बधाई दी है.
If Jitan Ram Manjhi is in dilemma then our door is open he can come here: RJD leader Tej Pratap Yadav pic.twitter.com/qAfbV5FCMv
— ANI (@ANI) June 11, 2021
उन्होंने कहा कि तेजप्रताप से मुलाकात में किसी तरह की राजनीतिक बातें नहीं हुई है. राजनीति के अलावा भी बातें होनी चाहिए. एनडीए में रहने से जुडे़ सवाल पर मांझी ने कहा कि बाहर जाने का तो सवाल ही नहीं है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) एनडीए का साथी है. उन्होंने कहा कि मिलना-जुलना लगा रहना चाहिए. तेजप्रताप की ओर से ऑफर मिलने की बात को भी मांझी ने सिरे से नकार दिया.
मांझी ने कहा कि इस मुलाकात को साफ कहा है कि इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए. उन्होंने साफ कर दिया कि यह निजी मुलाकात थी. मांझी ने कहा कि तेज प्रताप से कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है. मुलाकात में सिर्फ संगठन और युवाओं को लेकर बात हुई है.
जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लालू यादव को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी
उन्होंने कहा इस मुलाकात में तेज प्रताप ने प्रस्ताव दिया है कि राज्य में एक ऐसे गैरे राजनीतिक संस्था की शुरुआत की जाए, जिसमें सभी पार्टियों के लोग अपने अनुभव साझा करें. मैंने उसमें हर प्रकार के सहयोग का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा कि तेज प्रताप के ऑफर को नहीं मान रहे हैं. उन्होंने इस भेंट को लेकर कहा कि इसका कोई राजनीतिक मायने नहीं निकालना चाहिए.
पहले भी लालू परिवार के लोग हमसे मिलने के लिए आते रहे हैं. वहीं तेज प्रताप ने भी कहा है कि यह पूरी तरह से पारिवारिक मुलाकात थी. इसमें किसी प्रकार की राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के सियासी मायने न निकाले जाएं. मैं केवल हाल-खबर लेने मांझी जी के आवास आया था. तेज प्रताप ने कहा कि कई दिन से मांझी जी से नहीं मिल पाया था.
लॉकडाउन के बाद आज उनसे मुलाकात करने के लिए आया हूं. यह पूरी तरह से पारिवारिक मुलाकात थी. यह कोई नई बात नहीं हैं. पहले भी कई बार उनसे मार्गदर्शन लेने के लिए मार्गदर्शन लेने के लिए मिलता रहा हूं. उन्होंने बताया कि इस मुलाकात में हमने एक गैर राजनीतिक संस्था शुरू करने की बात कही है, ताकि जो भी पुराने नेता हैं, वह अपना अनुभव और मार्गदर्शन नई पीढ़ी के साथ साझा कर सकें.
बहरहाल, अब दोनों नेताओं ने भले ही इस मुलाकात को पारिवारिक मुलाकात कहकर टालने की कोशिश की है, लेकिन बिहार की सियासत की समझ रखनेवालों के लिए यह किसी नए समीकरण की शुरुआत है. जिसका असर मौजूदा नीतीश सरकार पर पड़ना तय माना जा रहा है. पिछले कुछ समय से मांझी लगातार सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं.
मांझी लगातार बिहार सरकार और भाजपा के खिलाफ बयानबाजी
कारण कि मुलाकात से पहले तेज प्रताप यादव ने कहा था कि जिनका-जिनका मन डोल रहा है, वो हमारे साथ आ जाएं. उन्होंने कहा था कि मांझी जी अगर पार्टी के साथ आना चाहते हैं तो, उनका स्वागत है. यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर लालू यादव को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी.
मांझी ने लिखा, 'बिहार के पुर्व मुख्यमंत्री आदरणीय लालू यादव को उनके जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं. आप दीर्घायु हों, सदैव मुस्कुराते रहें ईश्वर से यही कामना है.' गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से जीतन राम मांझी लगातार बिहार सरकार और भाजपा के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं. जिसके कारण सरकार को कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है.
मांझी की नैया अब एनडीए को छोड़ राजद के तट पर पहुंचने वाली है
कई बार मांझी खुलकर राजद का समर्थन कर चुके हैं. आज भी उन्होंने पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को सबसे पहले बधाई दी है, इसके बाद जातिगत जनगणना को लेकर भी उन्होंने तेजस्वी यादव का समर्थन किया था. मांझी ने ट्वीट कर जातिगत जनगणना की मांग की. उन्होंने कहा, 'वर्तमान स्थिति में देश की जनगणना आवश्यक है, परन्तु कोरोना के कारण जनगणना कार्य को रोककर रखा गया है.
देश में जब चुनाव हो सकतें हैं तो जनगणना से परहेज क्यों? भारत सरकार से अनुरोध है कि 10 वर्षीय जनगणना के साथ-साथ जाति आधारित जनगणना अविलंब शुरू किया जाए.’ इसतरह से अब जिस तरह के मांझी राजद के पक्ष में बयान दे रहे हैं, उसके बाद बिहार के सियासी गलियारों में यह कह जा रहा है कि मांझी की नैया अब एनडीए को छोड़ राजद के तट पर पहुंचने वाली है.
मांझी ने भी तेजस्वी की मांगों का समर्थन किया
मांझी लगातार भाजपा नेताओं पर भी सवाल खडे़ करते रहे हैं. अब उन्होंने आरपार की लड़ाई का ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी लपेट लिया है. बता दें कि कुछ दिन पहले जीतन राम मांझी ने वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम की तस्वीर पर सवाल खडे़ किए थे. उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इस पर राष्ट्रपति की तस्वीर लगानी चाहिए.
अब मांझी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री के सामने नई मांगों का पुलिंदा प्रस्तुत कर दिया है. इस साल जनगणना का काम शुरू किया जाना था, लेकिन कोरोना के कारण फिलहाल इस पर रोक लगाई गई है. तीन दिन पहले राजद अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने यह मांग की थी कि देश में जाति आधारित जनगणना शुरू की जाए. अब मांझी ने भी तेजस्वी की मांगों का समर्थन किया है.