राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जब्त अवैध संपत्तियों को सीज कर सरकारी स्कूल खोलेगे?, सम्राट चौधरी ने किया ऐलान, सूबे की सियासत तेज
By एस पी सिन्हा | Updated: December 13, 2025 16:54 IST2025-12-13T16:53:52+5:302025-12-13T16:54:37+5:30
सम्राट चौधरी के मुताबिक चारा घोटाले के करीब 950 करोड़ रुपये के मामलों में सीबीआई और ईडी ने लालू यादव की कई संपत्तियां अटैच की गई थीं।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद बनी एनडीए सरकार में भाजपा कोटे से उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री बने सम्राट चौधरी अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में सम्राट चौधरी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी अवैध संपत्तियों को सीज कर उन पर बच्चों के लिए सरकारी स्कूल खोले जाएंगे। सम्राट चौधरी ने लालू यादव को ‘रजिस्टर्ड अपराधी’ बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति अब समाज के हित में इस्तेमाल की जाएगी। सम्राट चौधरी के मुताबिक चारा घोटाले के करीब 950 करोड़ रुपये के मामलों में सीबीआई और ईडी ने लालू यादव की कई संपत्तियां अटैच की गई थीं। इनमें पटना के चिड़ियाखाना के पास का एक मकान भी शामिल है, जो पिछले 20 वर्षों से बंद पड़ा है।
सम्राट चौधरी का कहना है कि इस भवन को खोलकर उसकी मरम्मत कराई जाएगी और वहां बच्चों के लिए सरकारी स्कूल शुरू किया जाएगा। इस बयान के सामने आते ही बिहार की राजनीति गर्मा गई है। भाजपा और जदयू इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐतिहासिक कदम बता रही हैं, जबकि राजद ने फिलहाल इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है।
वहीं, कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्णा ने सम्राट चौधरी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि भ्रष्टाचारियों की जब्त संपत्तियों पर स्कूल खोलना एनडीए सरकार की पुरानी नीति रही है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव सजायाफ्ता भ्रष्टाचारी हैं और भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति का उपयोग समाज के हित में होना ही चाहिए। इसमें बुराई नहीं है।
वहीं, जदयू ने भी इस फैसले का खुलकर समर्थन किया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि लालू यादव ने गरीबों के नाम पर जमीन हड़पी है। अब उसी जमीन पर समाज कल्याण के कार्य होने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि सिर्फ स्कूल ही नहीं, बल्कि अनाथालय, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यक और दलित छात्रावास जैसे संस्थान भी बनाए जाने चाहिए,
ताकि आने वाली पीढ़ियां देख सकें कि कानून भ्रष्टाचार का इलाज कैसे करता है। दूसरी ओर कांग्रेस ने सरकार पर पलटवार किया है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि जिन स्कूलों की बात सरकार कर रही है, उन्हें चलाने में वह पहले ही विफल साबित हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही जरूरी सुविधाएं। साथ ही शिक्षकों की मौजूदा सैलरी की तुलना कांग्रेस शासनकाल के चपरासी के वेतन से करते हुए सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। ऐसे में सम्राट चौधरी के इस बयान ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट जरूर ला दी है।