राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को झटका, बेल पर सुनवाई 11 दिसंबर तक टली, जानिए पूरा मामला

By एस पी सिन्हा | Published: November 27, 2020 02:11 PM2020-11-27T14:11:33+5:302020-11-27T14:12:34+5:30

झारखंड हाईकोर्ट ने दुमका कोषागार से फर्जी निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई टाली, अब सुनवाई 11 दिसंबर को होगी.

rjd chief lalu prasad yadav bail plea now 11 december patna ranchi cbi court hearing | राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को झटका, बेल पर सुनवाई 11 दिसंबर तक टली, जानिए पूरा मामला

अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव की ओर से हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की गई है. (photo-ani)

Highlightsकेस की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपरेश सिंह ही अदालत में हो रही थी. लालू की ओर से वकील प्रभात कुमार और दिल्ली से कपिल सिब्बल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुडे़ हुए थे. चारा घोटाले से जुड़े तीन अन्य मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है.

रांचीः चारा घोटाला में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई 11 दिसंबर तक टल गई है.

लालू प्रसाद यादव के वकील प्रभात कुमार ने कहा कि जमानत रद्द नहीं की गई है. पहले लोअर कोर्ट के रिकार्ड देखा जाएगा, सीबीआई ने लोअर कोर्ट का रिकॉर्ड देखने का हाईकोर्ट से आग्रह किया था. सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चल रही थी. लालू की ओर से वकील प्रभात कुमार और दिल्ली से कपिल सिब्बल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुडे़ हुए थे. इस केस की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति अपरेश सिंह ही अदालत में हो रही थी. 

प्रभात कुमार ने कहा कि आधी सजा पूरा करने पर हमलोग जमानत मांगी है, उस पर 11 दिसंबर को सुनवाई होगी. चारा घोटाले से जुड़े तीन अन्य मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव की ओर से हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की गई है.

लालू प्रसाद यादव ने अपनी जमानत याचिका में अपनी बीमारी के बारे में भी बताया था. याचिका में बताया गया था कि वह करीब 15 बीमारी ग्रसित हैं. उनका इलाज कई सालों से रांची के रिम्स में हो रहा है. उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है. इसलिए उनको जमानत दे दी जाए. जमानत के लिए लालू ने 4 जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

लालू प्रसाद यादव ने 23 दिसंबर 2017 से चारा घोटाले मामले में जेल में बंद हैं

यहां बता दें कि लालू प्रसाद यादव ने 23 दिसंबर 2017 से चारा घोटाले मामले में जेल में बंद हैं, दुमका, देवघर और चाईबासा मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है. देवघर और चाईबासा केस में उनको जमानत मिल चुकी है, लेकिन दुमका मामले में उन्हें जमानत नहीं मिली है. चार मामलों में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें सजा सुना दी है. पांचवा मामला डोरंडा कोषागार से संबंधित है और इसकी सुनवाई अभी सीबीआई कोर्ट में चल रही है.

वहीं, लालू की याचिका पर कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा था. जिसके बाद सीबीआई ने अपना पक्ष रख था. सीबीआई ने कहा था कि लालू यादव ने दुमका कोषागार से घोटाले के मामले में अब तक आधी सजा नहीं काटी है. लिहाजा उन्हें इस आधार पर जमानत नहीं दिया जा सकता. सीबीआई ने अपने जवाब में सीआरपीसी की धारा 427 का भी जिक्र किया है.

इस धारा के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को अलग-अलग मामलों में सजा मिलती है तो एक सजा पूरी होने के बाद दूसरी सजा शुरू होगी. अगर कोर्ट ने सारी सजा के साथ चलने का आदेश दिया हो तभी वे साथ साथ गिनी जायेंगी. सीबीआई इस आधार पर लालू की जमानत का विरोध कर रही है.

लालू प्रसाद यादव को चार मामले में अलग-अलग सजा हुई है

सीबीआई ने अपने जवाब में कहा है कि लालू प्रसाद यादव को चार मामले में अलग-अलग सजा हुई है. उन्हें सजा सुनाने वाली कोर्ट ने सभी सजा को एक साथ चलाने का निर्देश नहीं दिया है. ऐसे में ये नहीं माना जा सकता है कि लालू यादव चारों मामले की सजा साथ साथ काट रहे हैं. उन्हें एक सजा पूरी करने के बाद दूसरे मामले में मिली सजा को पूरा करना होगा.

यहां उल्लेखनीय है कि जिन चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को सजा मिली है, उसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की है. इनमें तीन मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है. लालू प्रसाद यादव को सभी मामलों में आधी सजा काटने के आधार पर जमानत दी गई है।. दुमका कोषागार मामले में भी उन्होंने इसी आधार पर जमानत मांगी है. 

उधर, चारा घोटाला मामले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) के निदेशक के बंगला से कल गुरुवार को पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. कोरोना के बढते संक्रमण को देखते हुए उन्हें पेइंग वार्ड से निदेशक बंगले में पहले शिफ्ट किया गया था.

अधीक्षक के आलीशान बंगले से पेइंग वार्ड में शिफ्ट होने के दौरान भी लालू प्रसाद यादव का रूतबा दिख गया. तीन गाडियों में भर कर उनका सामान पेइंग वार्ड में ले जाया गया. झारखंड राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह समेत कई नेता सामान ढोने में लगे रहे.

फजीहत झेल रही हेमंत सोरेन सरकार ने उन्हें आनन फानन में शिफ्ट किया

दरअसल, लालू प्रसाद यादव के फोन कॉल का ऑडियो वायरल होने के बाद फजीहत झेल रही हेमंत सोरेन सरकार ने उन्हें आनन फानन में शिफ्ट किया. लालू प्रसाद यादव रिम्स निदेशक के आलीशान केली बंगले में रह रहे थे. गुरुवार दोपहर प्रशासनिक अमला पहुंचा और लालू प्रसाद यादव को निदेशक के बंगले से 100 मीटर की दूरी पर अवस्थित अस्पताल के पेइंग वार्ड नंबर-11 में ले जाया गया. लेकिन रिम्स निदेशक के बंगले में लालू यादव का इतना सामान था कि देखने वाले हैरान थे. 

लालू प्रसाद यादव के केली बंगले से पेइंग वार्ड में शिफ्ट होने के बाद ये अंदाजा हुआ कि निदेशक के आलीशान बंगले में उनके लिए क्या क्या सुविधायें उपलब्ध थी. लालू के पेइंग वार्ड में शिफ्ट होने के लगभग दो घंटे तक उनका सामान निदेशक बंगला से वार्ड में पहुंचाया जाता रहा. लालू प्रसाद यादव के शिफ्ट होने के दौरान ही उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रिम्स में पहुंच गये थे. उनकी गाड़ी समेत तीन-चार गाड़ियां लालू प्रसाद यादव का सामान ढोने में लगी रहीं. केली बंगले में गैस स्टोव और सिलेंडर से लेकर हीटर तक लगा था.

उन सारे सामान को पेइंग वार्ड में लाया गया. इसके बाद पेइंग वार्ड में लालू के शिफ्ट होने के बाद राजद प्रदेश अध्यक्ष समेत कई नेताओं ने जाकर लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की. जेल मैनुअल इसकी इजाजत नहीं देता. लेकिन लालू से मिलने जाने वालों के साथ कोई रोक टोक नहीं की गई. यह दिख रहा था कि दबाव में लालू प्रसाद यादव को शिफ्ट तो कर दिया गया, लेकिन उनके रूतबे में कोई कमी नहीं आई है.

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