कोरोना को लेकर देश में चौंकाने वाला मामला आया सामने, डॉक्टर भी मरीजों को देखकर हो रहे हैं हैरान
By अनुराग आनंद | Published: June 25, 2020 03:21 PM2020-06-25T15:21:37+5:302020-06-25T15:25:55+5:30
देश में कोरोना संक्रमण के कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें एक व्यक्ति में कोरोना का कोई लक्षण नहीं होता है और अचानक उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। सही समय पर इलाज नहीं मिलने से मौत होने की संभावना बढ़ जाती है।
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के मामले में कोई कमी नहीं हो रही है। देश की राजधानी दिल्ली में भी पिछले कुछ दिनों से हर रोज संक्रमण के 3000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच कोरोना को लेकर एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है।
दरअसल, आंध्र प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती किए जाने के आधे से एक घंटे के अंदर कई ऐसे कोरोना मरीजों की मौत हुई है, जिनमें पहले किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आए थे। टीओआई के रिपोर्ट की मानें तो आध्र प्रदेश के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक डॉक्टर को अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी। इसके बाद, उसे कोविड-19 सेंटर भेजा गया, जहां भर्ती होने के कुछ देर बाद ही डॉक्टर की मौत हो गई।
रिपोर्ट की मानें तो इस तरह के कई मामले पिछले कुछ दिनों में आंध्र प्रदेश में सामने आए हैं। जहां व्यक्ति में कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखता है और अचानक सांस लेने में दिक्कत होती है। ऐसे में अस्पताल ले जाया जाता है, जहां भर्ती होने के कुछ देर बाद ही मरीजों की मौत हो जाती है। यही वजह है कि कोरोना का इलाज करने वाले डॉक्टर भी बिना लक्षण वाले मरीजों के तुरंत मौत को लेकर हैरान हैं।
आंध्र प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं-
रिपोर्ट की मानें तो गोदावरी जिले के एक मरीज को काकीनाडा के एक अस्पताल में भर्ती किया गया था। भर्ती होने के आधे घंटे के भीतर ही उसकी मृत्यु हो गई। एक और कोविड -19 मरीज की मौत तीन दिन पहले अमलापुरम क्षेत्र में इसी तरह हई है।
अन्य जिलों में भी ऐसे ही मामले सामने आए हैं, जहां कोविड-19 रोगियों की तबीयत अचानक खराब हो गई है, जिससे लक्षणों की शुरुआत के बाद घंटे या एक दिन में मौत हो जाती है।
इस मामले में कोरोना एक्सपर्ट क्या कहते हैं-
कोरोना को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस तरह के बिना लक्षण वाले कोरोना रोगी स्थिर दिखाई देते हैं, फिर भी वायरस आंशिक रूप से ऑक्सीजन के स्तर को कम करके आपके शरीर के अहम अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे डॉक्टरों को पीड़ितों के स्वास्थ्य को बहाल करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है।
इस मामले में सेवन हिल्स अस्पताल के डॉक्टर वामसी कृष्णा ने कहा कि उपचार का परिणाम मुख्य रूप से रोग की गंभीरता के साथ-साथ रोगी की इम्यूनिटी क्षमता या रोग प्रतिरोधी क्षमता पर निर्भर करता है।