नेपाली सेना के भारतीयों पर गोलीबारी मामले में हुआ खुलासा, नेपाल सीमा में रह रही बहू से मुलाकात के लिए गए थे भारतीय

By भाषा | Published: June 13, 2020 05:37 AM2020-06-13T05:37:38+5:302020-06-13T05:57:06+5:30

एसएसबी अधिकारी की मानें तो स्थानीय लोगों की सीमा के दोनों ओर रिश्तेदारी है और लोग बाड़ नहीं लगे होने की वजह से सीमा के इस पार से उसपार जाते आते रहते हैं।

Revealed in case of firing on Indians of Nepali army, Indians went to meet daughter-in-law living in border | नेपाली सेना के भारतीयों पर गोलीबारी मामले में हुआ खुलासा, नेपाल सीमा में रह रही बहू से मुलाकात के लिए गए थे भारतीय

नेपाली सेना ने भारतीय नागरिकों पर चलाई गोली (फाइल फोटो)

Highlightsएसएसबी के महानिदेशक ने कहा कि प्राथमिक जानकारी और नजदीकी चौकी की सूचना के आधार पर हमने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है।एपीएफ ने दावा किया कि पहले उन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई।यह घटना सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा थाना क्षेत्र के अंतर्गत जानकीपुर और नेपाल के सर्लाही के बीच हुई।

पटना/नयी दिल्ली: बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले 45 वर्षीय लगन यादव और अन्य को शुक्रवार को नेपाली बहू से मुलाकात भारी पड़ी क्योंकि नेपाल सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के कर्मियों ने इस पर आपत्ति जताई जिससे बाद ग्रामीणों और नेपाली सुरक्षा कर्मियों में झड़प हो गई। इस झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए है। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि एपीएफ ने घटना के बाद लगन यादव को हिरासत में ले लिया।

उन्होंने बताया कि घटना ‘नो मेन्स लैंड’ (दो देशों की सीमा के बीच का स्थान जिस पर किसी का अधिकार नहीं होता) से 75 मीटर भीतर नेपाल की सीमा में उस समय हुई जब कुछ महिलाएं और यादव अपनी बहू से बात कर रही थीं। सीमा पर गश्त कर रहे एपीएफ कर्मियों ने इन लोगों को भारतीय क्षेत्र में जाने को कहा।

सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्रा ने ‘‘ पीटीआई-भाषा’’ को बताया कि यह तकरार त्वरित आधार पर घटी स्थानीय घटना है। उल्लेखनीय है कि इसी बल के जिम्मे नेपाल से लगती 1,751 किलोमीटर लंबी भारतीय सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।

स्थानीय लोगों से मिली प्राथमिक सूचना के मुताबिक, नेपाली क्षेत्र में 14 जून तक लागू लॉकडाउन का उल्लंघन कर आए यादव और ग्रामीणों की मौजूदगी पर एपीएफ के कर्मियों ने आपत्ति जताई और उन्हें लौटने को कहा। एसएसबी अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों की सीमा के दोनों ओर रिश्तेदारी है और कोई बाड़ नहीं होने की वजह से लोग सीमा के दोनों ओर रिश्तेदारों से मिलने आते-जाते रहते हैं।

एसएसबी महानिदेशक ने बताया कि एपीएफ कर्मियों की आपत्ति के बाद बहस हुई तथा यादव के समर्थन में कुछ और ग्रामीण भारतीय सीमा से आ गए। उन्होंने बताया कि यादव की बहू नेपाली नागरिक है और कुछ महिलाएं सीमा पार जाकर बात कर रही थी और यादव एवं कुछ और पुरुष बाद में गए थे।

एसएसबी के महानिदेशक ने कहा, ‘‘प्राथमिक जानकारी और नजदीकी चौकी की सूचना के आधार पर हमने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है। हमने बताया कि घटनास्थल से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी से पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं।’’

अधिकारियों ने बताया कि एपीएफ ने दावा किया कि पहले उन्होंने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोली चलाई और बाद में हथियार लूटे जाने के भय से भीड़ पर गोली चलाई जो तीन लोगों को लगी। उन्होंने बताया कि एपीएफ ने 15 गोलियां चलाई जिनमें से 10 गोलियां हवा में चलाई गई।

अधिकारियों ने बताया कि यह घटना सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा थाना क्षेत्र के अंतर्गत जानकीपुर और नेपाल के सर्लाही के बीच हुई। 

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