सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने की AAP की मान्यता रद्द करने की मांग, सीईसी को लिखा पत्र, जानें क्या है मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 15, 2022 08:52 PM2022-09-15T20:52:21+5:302022-09-15T20:52:21+5:30

पूर्व नौकरशाहों ने सीईसी को लिखे पत्र में कहा कि आम आदमी पार्टी के द्वारा लालच देने के इस तरह के प्रयासों का उस लोकतांत्रिक तानेबाने पर बहुत असर होता है जिसके साथ भारत में चुनाव करवाये जाते हैं। 

Retired bureaucrats demand cancellation of recognition of AAP, letter to CEC | सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने की AAP की मान्यता रद्द करने की मांग, सीईसी को लिखा पत्र, जानें क्या है मामला

सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने की AAP की मान्यता रद्द करने की मांग, सीईसी को लिखा पत्र, जानें क्या है मामला

Highlightsकेजरीवाल ने पिछले दिनों गुजरात में सरकारी अधिकारियों लालच देने का कथित प्रयासनौकरशाहों को आम आदमी पार्टी के पक्ष में काम करने के लिए उकसाने का आरोपपूर्व नौकरशाहों ने केजरीवाल के बयान का जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के प्रावधानों का उल्लंघन कहा

नई दिल्ली: सेवानिवृत्त नौकरशाहों के एक समूह ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द की जाए क्योंकि उसके नेता अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों गुजरात में सरकारी अधिकारियों लालच देने का कथित प्रयास किया ताकि कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके। 

इन पूर्व अधिकारियों ने तीन सितंबर को राजकोट में हुए केजरीवाल के संवाददाता सम्मेलन का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने नौकरशाहों को आम आदमी पार्टी के पक्ष में काम करने के लिए उकसाया ताकि चुनाव में पार्टी को जीत मिल सके तथा वे इस प्रयास को सिरे से खारिज करते हैं। पूर्व नौकरशाहों ने सीईसी को लिखे पत्र में कहा कि लालच देने के इस तरह के प्रयासों का उस लोकतांत्रिक तानेबाने पर बहुत असर होता है जिसके साथ भारत में चुनाव करवाये जाते हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘इसको देखते हुए हम निर्वाचन आयोग से आग्रह करते हैं कि वह आप की एक राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता वापस ले क्योंकि इसने चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 का सरेआम उल्लंघन किया है तथा आप के राष्ट्रीय संयोजक का व्यवहार आचार संहिता का उल्लंघन है।’’ पूर्व नौकरशाहों का कहना है कि केजरीवाल की टिप्पणियां जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के प्रावधानों का भी उल्लंघन करती हैं।

(कॉपी एजेंसी)

Web Title: Retired bureaucrats demand cancellation of recognition of AAP, letter to CEC

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