खुदरा व्यापारियों के संगठन ने सरकार से किया आग्रह, कहा- एफडीआई नियमों की धज्जियां उड़ाने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ हो कार्रवाई
By भाषा | Published: December 15, 2019 10:23 PM2019-12-15T22:23:11+5:302019-12-15T22:23:11+5:30
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई - कॉमर्स कंपनियों को " वैश्विक आर्थिक आतंकी , आर्थिक घुसपैठिया , कर अपराधी और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उल्लंघन करने वाला बता
खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट ने सरकार से कथित रूप से एफडीआई नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अनुचित व्यापार गतिविधियों में लिप्त ई - कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का रविवार को आग्रह किया। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई - कॉमर्स कंपनियों को " वैश्विक आर्थिक आतंकी , आर्थिक घुसपैठिया , कर अपराधी और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उल्लंघन करने वाला बताया।
उसने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को भेजे पत्र में ई - कॉमर्स नीति और राष्ट्रीय खुदरा नीति को जल्द लागू करने की मांग की है। कैट ने ई - कॉमर्स लोकपाल और खुदरा नियामक प्राधिकरण के गठन की भी मांग की है। खुदरा कारोबारियों के संगठन ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि एमएसएमई मंत्रालय ने छोटे खुदरा विक्रेताओं को ई - कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ने लिए कुछ प्रमुख ई - कॉमर्स कंपनियों के साथ हाथ मिलाने का इरादा किया है।
उसने कहा कि सरकार का उनसे हाथ मिलाना बेहद निराशाजनक है और देश के व्यापारी इन कंपनियों के साथ सरकार की इस तरह की मिलीभगत को स्वीकार नहीं करेंगे और इसका कड़ा विरोध करेंगे। कैट ने कहा कि इन कंपनियों का कारोबार मॉडल ' मेक इन इंडिया ' कार्यक्रम को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है क्योंकि घरेलू उत्पादक ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना और गहरी छूट देने की रणनीति के साथ प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ हैं।
संगठन ने गोयल से स्वदेशी ई - कॉमर्स मंच विकसित करने के लिए कदम उठाने की आग्रह किया है जो सभी गड़बड़ियों और अनुचित प्रथाओं से मुक्त हो ताकि उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर सर्वश्रेष्ठ उत्पाद प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सके।