क्या चंद्रबाबू नायडू सरकार ने खरीदा था Pegasus ? समिति करेगी जांच, आंध्र प्रदेश विधानसभा में प्रस्ताव पास

By विशाल कुमार | Published: March 22, 2022 07:48 AM2022-03-22T07:48:02+5:302022-03-22T07:51:23+5:30

विधान परिषद और विधानसभा ने आज इस मुद्दे पर एक संक्षिप्त चर्चा में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने आरोप लगाया गया कि पिछली तेदेपा सरकार ने निजी व्यक्तियों की टेलीफोन पर बातचीत को टैप (रिकॉर्ड) करने के लिए स्पायवेयर खरीदा था।

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क्या चंद्रबाबू नायडू सरकार ने खरीदा था Pegasus ? समिति करेगी जांच, आंध्र प्रदेश विधानसभा में प्रस्ताव पास

Highlightsममता बनर्जी द्वारा स्पायवेयर को लेकर आरोप लगाए जाने के बाद हंगामा शुरू हो गया था।विधान परिषद और विधानसभा ने सोमवार को इस मुद्दे पर एक संक्षिप्त चर्चा की।निजी व्यक्तियों की टेलीफोन पर बातचीत को टैप करने के लिए स्पायवेयर खरीदने का आरोप। 

अमरावती:आंध्र प्रदेश सरकार ने पिछली चंद्रबाबू नायडू सरकार द्वारा पेगासस स्पायवेयर की कथित खरीद और अवैध उपयोग की जांच के लिए सोमवार को सदन की एक समिति गठित करने का फैसला किया है।

यह प्रस्ताव तब आया जब सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने सदन को बताया कि उसने पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणियों पर ध्यान दिया था कि उनकी सरकार ने 4-5 साल पहले पेगासस को खरीदने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, जबकि सॉफ्टवेयर आंध्र प्रदेश द्वारा खरीदा गया था। तब टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री थे।

विधान परिषद और विधानसभा ने सोमवार को इस मुद्दे पर एक संक्षिप्त चर्चा में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने आरोप लगाया गया कि पिछली टीडीपी सरकार ने निजी व्यक्तियों की टेलीफोन पर बातचीत को टैप (रिकॉर्ड) करने के लिए स्पायवेयर खरीदा था। 

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने कहा कि वह किसी भी जांच के लिये तैयार है, चाहे वह सदन की समिति हो, न्यायिक जांच हो या सीबीआई जांच।

तेदेपा एमएलसी और महासचिव नारा लोकेश ने कहा, “ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर कुछ भी कहा या नहीं, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है। मेरे एक बंगाली मित्र ने कहा कि उन्होंने जो बंगाली में बात की, उसमें पेगासस शब्द का भी उल्लेख नहीं था। फिर भी, वाईएसआरसी के कार्यकर्ता इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।” 

उन्होंने कहा कि हालांकि इसे परिषद के कामकाज के एजेंडे में सूचीबद्ध नहीं किया गया था फिर भी सरकार ने पेगासस पर चर्चा की। पूर्व पुलिस महानिदेशक डीजी सवांग ने खुद स्पष्ट किया था कि सरकार द्वारा कभी ऐसा कोई सॉफ्टवेयर नहीं खरीदा गया था। यहां तक ​​कि इजरायल के राजदूत ने भी कहा कि सॉफ्टवेयर व्यक्तियों या निजी फर्मों को नहीं बेचा गया था जैसा कि वाईएसआरसी द्वारा आरोप लगाया जा रहा था। लोकेश ने कहा, “हम किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।” 

दूसरी ओर, पुलिस महानिदेशक स्तर के आईपीएस अधिकारी एबी वेंकटेश्वर राव, जिनके खिलाफ जगन सरकार ने पेगासस को लेकर आरोप लगाए थे, ने कहा कि ऐसी कोई खरीद कभी नहीं की गई थी। 

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “जब तक मैं इंटेलिजेंस प्रमुख (अप्रैल 2019 तक) था, पेगासस या ऐसा कोई स्पायवेयर नहीं खरीदा गया था। वह अंतिम है। आपको वर्तमान सरकार से पूछना होगा कि क्या मई 2019 के बाद कुछ खरीदा गया था।”

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