आरएमएल, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग के रेजिडेंट डॉक्टरों का नीट काउंसलिंग में देरी को लेकर प्रदर्शन

By भाषा | Published: November 27, 2021 02:28 PM2021-11-27T14:28:24+5:302021-11-27T14:28:24+5:30

Resident doctors of RML, Safdarjung and Lady Harding protest over delay in NEET counseling | आरएमएल, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग के रेजिडेंट डॉक्टरों का नीट काउंसलिंग में देरी को लेकर प्रदर्शन

आरएमएल, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग के रेजिडेंट डॉक्टरों का नीट काउंसलिंग में देरी को लेकर प्रदर्शन

नयी दिल्ली, 27 नवंबर तीन केंद्रीय अस्पतालों - आरएमएल, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग - के रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग आयोजित करने में बार-बार हो रही देरी के विरोध में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की सेवाएं शनिवार को रोक दीं।

यह कदम फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) द्वारा 27 नवंबर से अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं को रोक देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी आह्वान के बाद उठाया गया है।

राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने अस्पताल प्रशासन को लिखे पत्र में कहा, “जारी कोविड-19 महामारी के कारण, नीट पीजी 2021 में विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश अनिश्चित काल के लिए विलंबित हो गया है। रेजिडेंट डॉक्टर पिछले डेढ़ वर्षों में कोविड और गैर-कोविड दोनों सेवाओं को अथक रूप से आगे बढ़ा रहे हैं और शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से थक गए हैं।”

इसमें कहा गया, “वे पहले से ही विलंबित नीट पीजी 2021 काउंसलिंग के मामले में उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही के सकारात्मक परिणाम के लिए आज तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। हालांकि, उन्हें शारीरिक और मानसिक संकट से कोई राहत नहीं मिली है और अदालत की अगली सुनवाई 6 जनवरी, 2022 को निर्धारित है।”

पत्र में कहा गया, “इस बार-बार की देरी और काउंसलिंग टलने के खिलाफ प्रदर्शन दर्ज करने के लिए हम एबीवीआईएमएस और डॉ. आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों ने रविवार की ओपीडी सेवाओं सहित, शनिवार 27 नवंबर से बाह्य मरीज विभाग (ओपीडी) सेवाएं रोकने का फैसला लिया है।’’

चिकित्सकों के संघों ने सरकार और शीर्ष अदालत से नीट पीजी काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया में तेजी लाने और अदालती कार्यवाही को तेज करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) आरडीए ने भी इस मुद्दे पर समर्थन व्यक्त करते हुए भारत सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और काउंसलिंग प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह किया। उसने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग में अनिश्चित काल के लिए देरी हो रही है, इस तथ्य के बावजूद कि प्रवेश परीक्षा के परिणाम घोषित हुए लगभग दो महीने से अधिक का वक्त हो गया है।

आमतौर पर कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में होने वाली प्रवेश परीक्षा कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप पहले ही कई महीनों तक विलंबित हो चुकी थी। एम्स आरडीए ने एक बयान में कहा कि इस अत्यधिक देरी से पूरे भारत के मेडिकल कॉलेजों में श्रम शक्ति की कमी हो गई है।

बयान में कहा गया, “हजारों स्नातकोत्तर सीटें इस साल रिक्त रह जाएंगी अगर काउंसलिंग टलती रही। दुनिया के कई देशों में कोविड-19 के मामले बढ़ने के साथ, यह जरूरी है कि हमारा देश वैश्विक महामारी की एक और लहर के लिए तैयार रहे।”

इसमें कहा गया, “रेजिडेंट डॉक्टरों के मौजूदा कार्य बल पर पहले से ही अधिक बोझ है, जिसका स्वास्थ्य सेवाओं के सर्वोत्तम वितरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए रेजिडेंट डॉक्टरों के नए बैच की प्रवेश प्रक्रिया बिना किसी और देरी के पूरी की जानी चाहिए।

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Web Title: Resident doctors of RML, Safdarjung and Lady Harding protest over delay in NEET counseling

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