रिजर्व बैंक लगातार छठी बार कर सकता है रेपो दर में कटौती

By भाषा | Published: December 5, 2019 06:06 AM2019-12-05T06:06:50+5:302019-12-05T06:06:50+5:30

रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष की पांचवीं मौद्रिक नीति समीक्षा बृहस्पतिवार को घोषित होनी है। तीन दिन की यह बैठक मंगलवार को शुरू हुई

Reserve Bank may cut repo rate for the sixth time in a row | रिजर्व बैंक लगातार छठी बार कर सकता है रेपो दर में कटौती

रिजर्व बैंक लगातार छठी बार कर सकता है रेपो दर में कटौती

Highlightsअर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक बृहस्पतिवार को लगातार छठी बार रेपो दर में कटौती कर सकता है।रिपोर्ट में कहा गया है मौद्रिक नीति की समयसीमा को देखते हुये इस तरह की प्रतीक्षा करो

अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक बृहस्पतिवार को लगातार छठी बार रेपो दर में कटौती कर सकता है। एक ब्रोकरेज कंपनी ने यह अनुमान व्यक्त किया है। देश की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घटकर 4.5 प्रतिशत रह गई। यह दर पिछली 26 तिमाहियों में सबसे कम रही है। आस्ट्रेलिया की ब्रोकरेज कंपनी मक्वैरी ने रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष की पांचवीं द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा का परिणाम जारी होने से पहले अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, ‘‘मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये अब तक नरम रुख अपनाया हुआ है .....

हमारा मानना है कि पांच दिसंबर को घोषित होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.25 प्रतिशत की एक और कटौती की जा सकती है। इसके बाद रिजर्व बैंक इस बात पर गौर करेगा कि इस वर्ष की लगातार छह समीक्षाओं में की गई समग्र कटौती का आगे क्या असर हुआ है।’’ रिजर्व बैंक ने इस वर्ष फरवरी में रेपो दर में की गई 0.25 प्रतिशत की कटौती सहित अक्टूबर तक हुई पांच समीक्षाओं में कुल मिलाकर 1.35 प्रतिशत की कटौती की है।

फरवरी से अक्टूबर 2019 तक की पांच समीक्षाओं में रेपो दर 6.50 प्रतिशत से घटकर 5.15 प्रतिशत पर आ गई। लेकिन इस दौरान बैंकों ने केवल 0.29 प्रतिशत कटौती ही आगे ग्राहकों तक पहुंचाई है। रिपोर्ट में कहा गया है मौद्रिक नीति की समयसीमा को देखते हुये इस तरह की प्रतीक्षा करो और देखो की नीति उचित लगती है। रिजर्व बैंक ने हाल ही में कर्ज दरों का लाभ आगे पहुंचाने के लिये कई प्रयास किये हैं। इसके लिये उसने बैंकों की ब्याज दर को बाहरी बेंचमार्क दर से जोड़ने की भी जरूरत बताई है।

रिपोर्ट में हालांकि कहा गया है कि उपभोक्ता और कारोबारी धारणा में सुधार अभी आना बाकी है, इस लिहाज से निकट भविष्य में आर्थिक वृद्धि में नीचे की ओर जाने का जोखिम दिखाई देता है। रिजर्व बैंक की चालू वित्त वर्ष की पांचवीं मौद्रिक नीति समीक्षा बृहस्पतिवार को घोषित होनी है। तीन दिन की यह बैठक मंगलवार को शुरू हुई

Web Title: Reserve Bank may cut repo rate for the sixth time in a row

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