आईआईटी-भुवनेश्वर के शोधकर्ताओं ने बायोमेडिकल डेटा ट्रांसमिशन के लिए अल्ट्रा-लो-पावर आईसी विकसित किया
By भाषा | Updated: December 17, 2021 19:06 IST2021-12-17T19:06:13+5:302021-12-17T19:06:13+5:30

आईआईटी-भुवनेश्वर के शोधकर्ताओं ने बायोमेडिकल डेटा ट्रांसमिशन के लिए अल्ट्रा-लो-पावर आईसी विकसित किया
भुवनेश्वर, 17 दिसंबर भुवनेश्वर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधकर्ताओं ने ऊर्जा कुशल बायोमेडिकल डेटा ट्रांसमिशन के लिए अल्ट्रा-लो-पावर इंटीग्रेटेड सर्किट (आईसी) विकसित किया है। संस्थान ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी ।
इसमें कहा गया है कि स्वदेशी रूप से विकसित अल्ट्रा-लो-पावर सीएमओएस (पूरक धातु-ऑक्साइड-सेमीकंडक्टर) डेटा रूपांतरण आईसी, इंटरनेट ऑफ मेडिकल थिंग्स (आईओएमटी) और वियरेबल बॉडी एरिया नेटवर्क (डब्ल्यूबीएएनएस) के माध्यम से ऊर्जा-कुशल सुरक्षित बायोमेडिकल डेटा ट्रांसमिशन में मदद करेगा।
आईसी का पहला बैच मोहाली स्थित सेमी-कंडक्टर लेबोरेटरी (एससीएल) में शोधकर्ताओं ने तैयार किया था।
बयान में कहा गया है कि आईसी को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के चिप्स टू सिस्टम डिजाइन (एसएमडीपी-सी2एसडी) के लिए विशेष जनशक्ति विकास कार्यक्रम के समर्थन से विकसित किया गया है।
संस्थान के शोधकर्ताओं की एक अन्य टीम ने डिजिटल रूप से गहन सब-सैंपलिंग शॉर्ट-रेंज लो-पावर आरएफ (रेडियो फ्रीक्वेंसी) फ्रंट-एंड आईसी विकसित किया, जो आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) अनुप्रयोगों में मदद करेगा। इसमें कई नवाचार डिजाइन शामिल हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि चिप को टीएसएमसी, ताइवान में तैयार किया जा रहा है और जल्द ही प्राप्त होने की संभावना है।
आईआईटी-भुवनेश्वर के निदेशक आरवी राजा कुमार ने कहा, ‘‘ सेमीकंडक्टर चिप का विकास संस्थान के चार साल के अथक प्रयासों का परिणाम है।’’
बयान में कहा गया है कि नवाचारों से भुवनेश्वर को तकनीक के मानचित्र पर लाने में मदद मिलेगी।
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