Republic Day: राज्यपाल ने आंध्र की तीन राजधानियों के प्रस्ताव को ऐतिहासिक करार दिया
By भाषा | Published: January 26, 2020 04:14 PM2020-01-26T16:14:41+5:302020-01-26T16:14:41+5:30
विजयवाड़ा के आईजीएमसी स्टेडियम में ध्वजारोहण के बाद सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने संसाधनों के समान वितरण और सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास का ख्याल रखने के लिए राजधानी के कामकाज के विकेंद्रीकरण एवं वितरण करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
आंध्रप्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने शनिवार को गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर कहा कि राज्य प्रशासन के विकेंद्रीकरण के माध्यम से समावेशी वृद्धि और समेकित विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने को तैयार है। विजयवाड़ा के आईजीएमसी स्टेडियम में ध्वजारोहण के बाद सभा को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने संसाधनों के समान वितरण और सभी क्षेत्रों के संतुलित विकास का ख्याल रखने के लिए राजधानी के कामकाज के विकेंद्रीकरण एवं वितरण करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन के विकेंद्रीकरण से लोग सरकार के करीब आते हैं और विभाजनकारी प्रवृतियों पर अंकुश लगता है जो असमान अवसरों एवं संपत्ति के केंद्रीकरण से उत्पन्न कुंठा के चलते पैदा होती है। उन्होंने कहा कि संविधान की उद्देशिका में जिस स्वतंत्रता , समानता और भाईचारे का उल्लेख है उसका मतलब है कि सामाजिक -आर्थिक विकास के फल समाज के हर वर्ग तक पहुंचें और सरकार महज कुछ वर्गों या क्षेत्र के पक्ष में काम न करे।
उनका बयान वाईएसआर कांग्रेस सरकार द्वारा विशाखापत्तनम में कार्यकारी राजधानी, कुरनुल में न्यायिक और अमरावती में विधायी राजधानी स्थापित करने के प्रस्ताव की पृष्ठभूमि में आया है। राज्यपाल ने सलामी गारद पेश किए जाने के बाद गणतंत्र दिवस परेड का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, मुख्य सचिव नीलम साहनी, पुलिस महानिदेशक गौतम स्वांग, प्रधान सचिव (राजनीतिक) प्रवीण प्रकाश तथा अन्य शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।